स्कूल में बच्चों को लगानी पड़ रही झाड़ू, प्रिंसिपल बोले- ये नहीं तो क्या हम लगाएंगे

शाजापुर जिला मुख्यालय से 30 किलोमीटर दूर गांव बकानी में सरकारी स्कूल की हालत देखकर आप दंग रह जाएंगे. TV9 भारतवर्ष की टीम जब स्कूल में पहुंची तो वहां पर देखा कि स्कूल में छोटे-छोटे बच्चे चपरासी का काम कर रहे हैं. बच्चे स्कूल में झाड़ू लगाते हुए नजर आ रहे हैं. वहीं जब बच्चों से TV9 भारतवर्ष की टीम ने बात की तो बच्चों ने कहा कि रोज ही बच्चे स्कूल में झाड़ू और साफ सफाई करते हैं.
एक तरफ शिवराज सरकार स्कूलों में शिक्षा को लेकर बड़े-बड़े वादे कर रहे हैं, और दूसरी ओर स्थिति कुछ इस तरह दिखाई दे रही है. करोड़ों रुपए सरकार शिक्षा के ऊपर खर्च सिर्फ कागजों में ही कर रही है. बाकी धरातल पर कुछ नजर नहीं आ रहा है. एक स्कूल जो कि जिला मुख्यालय से 30 किलोमीटर दूरी पर है, उस स्कूल में एक चपरासी नहीं होने से बच्चों को इन सब समस्याओं का सामना करना पड़ा है. वहीं स्कूल प्राचार्य ने कहा कि स्कूल में चपरासी नहीं होने से हमें दिक्कत आ रही है. जब प्रिंसिपल से पूछा गया कि बच्चे स्कूल की झाड़ू लगा रहे हैं तो उनका कहना था कि बच्चे उनकी कक्षा की झाड़ू लगा रहे होंगे मैं आज छुट्टी पर हूं. उन्होंने आगे कहा कि हमारे स्कूल में चपरासी नहीं होने बच्चे झाड़ू लगा रहे हैं.
बच्चे नहीं तो क्या हम लगाएंगे झाड़ू?
लेकिन चपरासी के नहीं होने से बच्चों की क्या गलती. नन्हे मुन्ने बच्चे स्कूल की साफ सफाई करते झाड़ू लगाते हैं. स्कूल के प्रिंसिपल रामसिंह मालवीय ने कहा कि बच्चे झाड़ू नहीं लगाएंगे तो क्या हम लगा झाड़ू लगाएं, जो आपको न्यूज़ में लिखना है वह आप लिख दीजिए, मुझको फर्क नहीं पड़ता. खास बात यह है कि राज्य शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार का गृह क्षेत्र होने के बावजूद भी स्कूलों की हालत ऐसी है.यह सोचने वाली बात है. और तो और स्कूल के प्राचार्य को भी किसी का डर नहीं है.