केन्द्रीय पशुपालन एवं डेयरी राज्य मंत्री संजीव बालियान ने मंगलवार को कहा कि सरकार पशुधन उत्पाद एवं पशुधन परिवहन विधेयक-2023 के मसौदे में जनभावनाओं का ध्यान रखते हुए सुधार लाएगी और विचार यही है कि शायद इसको वापस ले लिया जाये।
बालियान ने यहां कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के लिए जनभावनाओं का ध्यान रखना सर्वोपरि है।
इस विधेयक के मसौदे को लेकर जैन समाज, पशुप्रेमी, पशु संरक्षण एवं सुरक्षा के क्षेत्र में काम करने वाली सामाजिक संस्थाओं एवं पशु पालकों के मन में आशंका के बारे में पूछे जाने पर मंत्री ने यह बात कही।
एक प्रतिनिधि मंडल ने इस विषय को लेकर मंत्री को यहां ज्ञापन सौंपा। एक बयान के अनुसार मंत्री ने प्रतिनिधिमंडल से कहा,‘‘केंद्र में प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ‘‘सर्वजन हिताय सर्वजन सुखाय’’ में विश्वास रखने वाली सरकार है, प्रत्येक प्राणी की भावनाओं को कद्र करने वाली सरकार है। हमारी सरकार में न तो पहले कोई जनविरोधी निर्णय लिया गया और न ही लिया जायेगा। पशु उत्पाद विधेयक 2023 के संबंध में जो सुझाव दिए गए हैं उनपर विचार कर बिल में यथा संभव कदम उठाये जायेंगे।’’
बाद में मीडिया ने जब इस बारे में पूछा तो बालियान ने कहा, इस (मसौदा विधेयक) केबारे में देश में कुछ धारणा बन गयी थी कि सरकार कुछ जिंदा पशुधन का निर्यात करना चाहती है। जो सबकी भावना है मंत्रालय उस पर विचार करने का प्रयास कर रहा है और विचार यही है कि शायद इसको वापस ले लिया जाये।’’
उन्होंने कहा कि आज जब देश आजादी का 75वाँ अमृत महोत्सव मना रहा है ऐसे में यह बहुत आवश्यक है कि आजादी से पहले के समय से चले आ रहे कानूनों को बदलकर वर्तमान परिस्थिति के अनुसार किया जाए। उन्होंने कहा, ‘‘ भारत सरकार इसके लिए निरंतर प्रयासरत है। ऐसे ही एक कानून को बदलने के प्रयास के तहत इस कानून का मसौदा तैयार किया गया जिस पर आमजन से सुझाव मांगे जा रहे हैं।