माले: भारत के खिलाफ जहर उगल रहे मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू की कुर्सी पर संकट मंडराने लगा है। मालदीव की सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी एमडीपी मुइज्जू के खिलाफ संसद में अविश्वास प्रस्ताव पेश कर सकती है। इसके बाद मुइज्जू के खिलाफ महाभियोग की प्रक्रिया शुरू होगी। महत्वपूर्ण बात यह है कि पूर्व राष्ट्रपति सोलिह की पार्टी एमडीपी को संसद के अंदर बहुमत हासिल है। ऐसे में मोहम्मद मुइज्जू की कुर्सी पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं। वहीं मालदीव के बिजनस टाइकून और जूमहूरे पार्टी के नेता कासिम इब्राहिम ने कहा है कि चीन की यात्रा से लौटने के बाद मुइज्जू को भारत के खिलाफ अप्रत्यक्ष रूप से जुबानी हमला करने के लिए आवश्यक रूप से नई दिल्ली से माफी मांगना होगा। एमडीपी के सूत्रों के मुताबिक हस्ताक्षर जुटा लिया गया है लेकिन अभी अविश्वास प्रस्ताव को पेश नहीं किया गया है। मालदीव की मीडिया के मुताबिक गत 13 जनवरी को मुइज्जू ने चीन से लौटने के बाद कहा था कि मालदीव किसी खास देश का बैकयार्ड नहीं है और किसी देश को उसे धमकाने नहीं देगा। मुइज्जू के इसी बयान के बाद बवाल मच गया और मालदीव के विपक्षी नेताओं ने जोरदार हमला बोला था। मालदीव के सांसद कासिम ने कहा, ‘मैं मालदीव के राष्ट्रपति मुइज्जू से अनुरोध करूंगा कि औपचारिक रूप से और पेशेवर तरीके से भारत सरकार और पीएम मोदी से अपने बयान के लिए माफी मांगें।’ चीन के इशारे पर नाच रहे मुइज्जू कासिम ने कहा कि मुइज्जू ने भावना में बहकर यह भारत विरोधी बयान दिया था। कासिम ने कहा, ‘पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन ने अशांति फैलाने के लिए इंडिया आउट अभियान शुरू किया था ताकि मालदीव की जनता और भारत के लोगों के बीच में मतभेद पैदा किया जा सके। पूर्व राष्ट्रपति सोलिह ने इसके खिलाफ कोई ऐक्शन नहीं लिया और उन्हें इंडिया आउट कैंपेन चलाने दिया।’ हालांकि जब यह कैंपेन बढ़ गया तब उस पर बैन लगाया गया। वहीं मुइज्जू ने यह भी कहा था कि वह भारत पर से मालदीव की निर्भरता को घटाएंगे। भारत से लो क्वालिटी की दवा की बजाय यूरोप और अमेरिका से इसे मंगाएंगे। कासिम ने मुइज्जू के इस बयान पर कहा कि भारत मेडिसिन के मामले में बहुत आगे है और यूरोप भी कई दवाएं भारत से आयात करता है। बता दें कि भारत और मालदीव के बीच तनाव अपने चरम पर है। मोहम्मद मुइज्जू लगातार चीन के इशारे पर काम कर रहे हैं। भारत के सैनिकों को मालदीव से जाने का आदेश दे चुके हैं। ये सैनिक वहां मालदीव के बीमार लोगों की मदद के लिए हैं। वहीं मुइज्जू ने भारत के साथ हाइड्रोग्राफी समझौता खत्म करके चीन से हाथ मिला लिया है। चीन का जासूसी जहाज मालदीव पहुंचने वाला है। इसका भारत ने कड़ा विरोध किया है।