केंद्र ने जम्मू-कश्मीर के सरकारी कर्मचारियों के बोलने पर लगाई पाबंदी, कहा- नहीं कर सकते सरकार के फैसलों की आलोचना

जम्मू-कश्मीर में सरकारी नीतियों की आलोचना करने वाले सरकारी कर्मचारियों पर अब कार्रवाई होगी। प्रशासन ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि ऐसे कर्मचारियों की पहचान कर उन्हें नोटिस भेजा जाए।आपको बता दें, 17 फरवरी को मुख्य सचिव एके मेहता ने प्रशासनिक सचिवों के साथ बैठक की, जिसमें यह बात सामने आई कि कुछ सरकारी कर्मचारी सरकार की नीतियों और उपलब्धियों की आलोचना कर रहे हैं। इतना ही नहीं वे सोशल मीडिया पर भी सरकारी नीतियों के खिलाफ लिख रहे हैं। जिसके बाद से प्रशासन ने गाइडलाइन जारी कर दी है।J&K Govt issues guidelines regarding the use of social media by the Govt Employees of UT of J&KNo Govt employee shall, through any post, tweet or otherwise, discuss or criticize on social media, any policy pursued or action taken by the Govt, nor shall he/she, in any manner,… pic.twitter.com/Mzt1OvxR6x— ANI (@ANI) March 24, 2023

सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर के सरकारी कर्मचारियों द्वारा सोशल मीडिया के उपयोग के संबंध में दिशानिर्देश जारी किए गए हैं। निर्देश के अनुसार कोई भी सरकारी कर्मचारी, किसी भी पोस्ट, ट्वीट या अन्यथा के माध्यम से, सोशल मीडिया पर सरकार द्वारा अपनाई गई किसी भी नीति या कार्रवाई पर चर्चा या आलोचना नहीं करेगा और न ही वह किसी भी तरीके से सोशल मीडिया पेज/समुदाय/माइक्रोब्लॉग ऐसी किसी चर्चा या आलोचना में भाग लेगा।मुख्य सचिव एके मेहता ने सभी प्रशासनिक सचिवों को सोशल मीडिया पर ऐसी पोस्टों पर नजर बनाए रखने के निर्देश दिए है। ऐसी पोस्ट करने वाले कर्मचारियों के बारे में जनरल एडमिनिस्ट्रेशन डिपार्टमेंट (GAD) को जानकारी देने और कर्मचारियों को नोटिस थमाने के निर्देश दे दिए गए हैं।