नौकरी के बदले जमीन घोटाला मामले में आज सीबीआई की टीम बिहार के पटना में राबड़ी देवी के घर पहुंची। जानकारी के मुताबिक सीबीआई के अधिकारी राबड़ी देवी से पूछताछ कर रहे हैं। आवास पर डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव भी मौजूद हैं। बताया जा रहा है कि सीबीआई की टीम तीन से चार वाहनों में सवार होकर सीधे राबड़ी आवास के अंदर पहुंचे, जहां उन्होंने पहले आवास में मौजूद कर्मचारियों और सुरक्षाकर्मियों से जानकारी ली। फिर राबड़ी देवी को लेकर जानकारी मांगी।CBI visits Rabri Devi’s residence in Patna, Bihar in connection with land-for-job case: CBI official to ANI https://t.co/Ob0UYWRpie pic.twitter.com/Hhf5pBH52k— ANI (@ANI) March 6, 2023
सीबीआई के एक सूत्र ने कहा, हम मामले में जांच कर रहे हैं। केंद्रीय जांच एजेंसी को मामले में पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद के खिलाफ अभियोजन की मंजूरी मिल गई है। जनवरी में, एजेंसी ने संबंधित अदालत के समक्ष अभियोजन स्वीकृति पत्र प्रस्तुत किया था।सीबीआई ने पिछले साल अक्टूबर में लालू प्रसाद, राबड़ी देवी और उनकी बेटी हेमा यादव सहित मामले में 16 आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था। सीबीआई ने कहा था कि जांच के दौरान यह पाया गया है कि आरोपियों ने मध्य रेलवे के तत्कालीन महाप्रबंधक और केंद्रीय रेलवे के सीपीओ के साथ साजिशकर जमीन के बदले में अपने या अपने करीबी रिश्तेदारों के नाम पर लोगों को नियुक्त किया था। सीबीआई ने चार्जशीट में आरोप लगाया है, उम्मीदवारों ने गलत टीसी का इस्तेमाल किया है और रेल मंत्रालय को झूठे प्रमाणित दस्तावेज जमा किए हैं। सीबीआई को जांच में पता चला है कि राबड़ी देवी और हेमा यादव को नौकरी चाहने वालों द्वारा घोटाले के सिलसिले में जमीन उपहार में दी गई थी, जिन्हें बाद में रेलवे में नियुक्त किया गया था। मामले में रेलवे कर्मचारी हरिदयानंद चौधरी और पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव के तत्कालीन ओएसडी भोला यादव को पहले सीबीआई ने गिरफ्तार किया था। भोला 2004 से 2009 के बीच लालू के ओएसडी थे। सीबीआई ने यादव, तत्कालीन केंद्रीय रेल मंत्री लालू यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी, दो बेटियों और अज्ञात लोक सेवकों और निजी व्यक्तियों सहित 15 अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया।अधिकारी ने कहा, 2004-2009 की अवधि के दौरान यादव ने रेलवे के विभिन्न क्षेत्रों में समूह ‘डी’ पद पर नियुक्तियों के एवज में अपने परिवार के सदस्यों के नाम पर जमीन-जायदाद के हस्तांतरण के रूप में आर्थिक लाभ प्राप्त किया था। पटना के कई निवासियों ने स्वयं या अपने परिवार के सदस्यों के माध्यम से लालू यादव परिवार के सदस्यों द्वारा नियंत्रित एक निजी कंपनी के पक्ष में शहर में अपनी जमीन बेच दी या उपहार में दे दी। जोनल रेलवे में ऐसी नियुक्ति के लिए कोई विज्ञापन या कोई सार्वजनिक नोटिस जारी नहीं किया गया था, फिर भी कई लोगों को मुंबई, जबलपुर, कोलकाता, जयपुर और हाजीपुर में स्थित विभिन्न क्षेत्रीय रेलवे में नियुक्त किया गया था। सीबीआई अधिकारी ने कहा, पटना में स्थित लगभग 1,05,292 वर्ग फुट भूमि व अचल संपत्तियों को लालू यादव और उनके परिवार के सदस्यों द्वारा पांच बिक्री पत्र और दो उपहार पत्रों के माध्यम से अधिग्रहित किया गया था, इसमें अधिकांश में विक्रेता को किए गए भुगतान को दर्शार्या गया था।(आईएएनएस के इनपुट के साथ)