सियासी भंवर में फंसे नीतीश कुमार को नहीं मिल रहा भाव, ‘तीर’ चलने से पहले ही ‘प्लान BJP’ फुस्स!

पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ( ) सियासी भंवर में फंस गए हैं? तीर चलने से पहले ही बिहार सीएम का प्लान बीजेपी फुस्स हो गया है? विपक्षी एकता की कवायद पूरी तरह फेल हो गया है? ये सवाल नीतीश कुमार के बयान से ही उठ रहे हैं। शनिवार को नीतीश कुमार ने पटना में पत्रकारों से बात कर रहे थे। इसी दौरान पत्रकारों ने उनसे एक सवाल पूछा, जिस पर नीतीश कुमार ने कहा कि अब सारा काम जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष देखेंगे। यानी कि ललन सिंह ( Lalan Singh ) देखेंगे। दरअसल, बीजेपी को कई फ्रंट पर घेरने की कोशिश में जुटे नीतीश कुमार कई मोर्चे पर फेल होते नजर आ रहे हैं। हालांकि पटना में आयोजित जेडीयू राष्ट्रीय पदाधिकारियों की मीटिंग में बीजेपी विरोधी दलों को कड़ा मैसेज देने की भरपूर कोशिश की गई। यही कारण था कि जेडीयू नेता केसी त्यागी ने कहा कि नीतीश कुमार फिर दिल्ली जाने वाले हैं। हालांकि उन्होंने ये नहीं बताया कि बिहार सीएम दिल्ली कब जाएंगे।

नीतीश कुमार ने क्या कहा

दरअसल, शनिवार को जेडीयू राष्ट्रीय परिषद की बैठक हुई। बैठक में नीतीश कुमार भी शामिल हुए। हालांकि उन्होंने यहां पर कोई भाषण नहीं दिया। ना ही किसी तरह का संबोधन किया। बैठक से बाहर निकले तो पत्रकारों ने 2024 लोकसभा चुनाव को लेकर सवाल पूछा। इस पर नीतीश कुमार ने कहा कि ये सब ललन सिंह आपको बताएंगे। राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं, वही बताएंगे। इस दौरान नीतीश कुमार ने कहा कि जो भी होने वाला होगा, वो सब उन्ही की जिम्मेवारी है, वही सब बताएंगे।

दरअसल, नीतीश कुमार अगस्त में बीजेपी से पाला बदलकर महागठबंधन के साथ आ गए थे। आरजेडी की मदद से बिहार में सरकार चला रहे हैं। अक्सर कहा करते थे कि देश में विपक्षी एकता बना कर रहेंगे। नीतीश कुमार दावा करते थे कि 2024 लोकसभा चुनाव में बीजेपी कहीं की नहीं रहेगी। नीतीश कुमार दिल्ली जाकर विपक्षी नेताओं से मिले भी थे। हालांकि किसी नेता ने नीतीश से मुलाकात के बात विपक्षी एकता की बात नहीं की।

तो नीतीश कुमार को नहीं मिल रहा भाव?

ऐसे में सवाल उठता है कि नीतीश कुमार अन्य पार्टियों से उस तरह का भाव नहीं मिला रहा, जैसा नीतीश कुमार मानकर चल रहे थे। कहा जा रहा है कि पहला झटका सोनिया गांधी ने तरजीह नहीं देकर दिया। दूसरा झटका कांग्रेस के ‘सोचेंगे’ वाले बयान से लगा। इतना ही नहीं, सीएम नीतीश की प्लानिंग को पलीता देश के छोटे और क्षेत्रीय दल मिलकर लगा रहे हैं। इसका मुख्य कारण है सबकी अपनी-अपनी महत्वाकांक्षा।

जेडीयू का दावा- आमने-सामने की लड़ाई में हारेगी बीजेपी

शनिवार को हुई राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में जेडीयू की ओर से कहा गया कि बीजेपी को जिन राज्यों में आमने-सामने की लड़ाई का सामना करना पड़ा, वहां बीजेपी की हार हुई। इसलिए विपक्ष को एकजुट होने की जरूरत है। जेडीयू की ओर से कहा गया कि सीएम नीतीश कुमार लगातार अन्य पार्टियों के नेताओं से संपर्क कर रहे हैं। पटना में पत्रकारों से बात करते हुए केसी त्यागी ने कहा कि नीतीश कुमार की विपक्षी एकता की मुहिम काफी जरूरी है। लेकिन नीतीश कुमार ने जिस तरह बयान दिया, उससे तो यही लग रहा है कि उनको भाव नहीं मिल रहा!