UP में जारी है सांड पर राजनीति, Akhilesh Yadav ने योगी सरकार पर लगाया यह आरोप

समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने ‘पार्टी के आयोजन को पटरी से उतारने के लिए मुख्यमंत्री (योगी आदिनाथ) के आदेश पर’ उत्तर प्रदेश के बांदा और फतेहपुर जिलों के बीच कई स्थानों पर सांड छोड़े हैं। उन्होंने कहा कि उनका काफिला फ़तेहपुर के रास्ते में सांडों से टकराने की कई घटनाओं से बचा है। उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि बांदा और फ़तेहपुर के बीच कई स्थानों पर मेरा काफिला सांडों से टकराते-टकराते बचा। सांडों को भाजपा ने छोड़ा था, उन्हें मुख्यमंत्री के आदेश पर डीएम द्वारा फतेहपुर में पार्टी के कार्यक्रम को पटरी से उतारने के लिए छोड़ा गया था।  इसे भी पढ़ें: सपा की नई कार्यकारिणी अखिलेश यादव की तुष्टिकरण की राजनीति का गजब उदाहरण हैभाजपा झूठ बोलती हैपूर्व मुख्यमंत्री फ़तेहपुर में एक पार्टी कैडर के शिविर – लोक जन अभियान – में भाग लेने वाले थे, जब उन्होंने आरोप लगाया कि सड़क पर उनके काफिले को सांडों द्वारा लगभग मारा गया था। इससे पहले, उन्होंने बांदा में एक प्रशिक्षण शिविर में भाग लिया जहां उन्होंने भाजपा पर तीखा हमला बोला और पार्टी पर ‘सरासर झूठ’ बोलने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, ”भाजपा नेता बिना किसी हिचकिचाहट के भगवान के नाम पर झूठी शपथ और झूठ बोलते हैं।” I.N.D.I.A ब्लॉक के गठन के बाद पहली बार शिविर का आयोजन किया गया जिसका एसपी एक प्रमुख हिस्सा है। उन्होंने मणिपुर में जातीय हिंसा को लेकर भी केंद्र सरकार की आलोचना की और कहा कि इस तरह का अमानवीय व्यवहार भारतीय संस्कृति से टकराता है।  इसे भी पढ़ें: CM Yogi ने विधानसभा में अपनी स्पीच के दौरान Shivpal Yadav पर कसा तंज, फिर जताई सहानुभूतिविधानसभा में भई उठा था मुद्दाविधानसभा में विपक्ष के नेता और समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने महंगाई, जलभराव, किसानों तथा आवारा पशुओं के मुद्दे पर प्रदेश की योगी सरकार पर जमकर हमला बोला था। अखिलेश ने आवारा पशुओं के मुद्दे को उठाते हुए सरकार से सवाल किया, ‘‘आप इस पर काम क्यों नहीं कर रहे हैं। क्या आपके पास बजट की कमी है। अगर कुछ नहीं हो सकता है तो कम से कम आवारा सांड से जनता को बचाने के लिए सांड सफारी ही बना लें।’’ योगी ने पलटवार करते हुए कहा था कि अगर भारत की खेती की बात होती है तो नेता विरोधी दल, उससे बाड़ी शब्द भी जुड़ता है। पशुपालन भी उसका पार्ट है। और जिस सांड़ की आप बात कर रहे हैं न वो भी उसी का हिस्सा है। आपके समय में वो बूचड़ खाने के हवाले होता था, हमारे समय में यही पशु धन का पार्ट बना हुआ है।