एक से बढ़कर एक खिलाड़ी हैं भाई! कॉलगर्ल-जिगोलो सर्विस देने वालों से करते थे ठगी, जानिए कैसे

गुरुग्राम: सेक्सटॉर्शन व आईटी एक्ट के झूठे केस में फंसाने की धमकी देकर अवैध वसूली करने के मामले में दो मुख्य आरोपियों को अरेस्ट किया गया है। सदर थाना की पुलिस टीम ने गुरुवार को इन दो मुख्य आरोपियों को राजस्थान के जयपुर से अरेस्ट किया है। आरोपियों के नाम मोहित कुमार टांक व देवकीनंदन बताए गए हैं। इससे पहले इनके एक अन्य साथी को अरेस्ट किया जा चुका है। पकड़े गए ये आरोपी फर्जी पत्रकार व क्राइम ब्रांच का पुलिसकर्मी बनकर ये वारदात करते थे। शुरुआती पूछताछ में पता चला कि ये मुंबई, राजस्थान, गुरुग्राम व अन्य जगहों पर करीब 100 से अधिक वारदात कर चुके हैं। सदर थाना अंतर्गत झाड़सा चौकी पुलिस को 4 जून को एक व्यक्ति ने लिखित शिकायत दी। जिसमें कहा गया कि एक नंबर से इसे कॉल आया और आरोपी ने कहा कि उसने वेबसाइट से नंबर लिया है और उसे कॉलगर्ल चाहिये। शिकायतकर्ता को सेक्टर-39 साइबर पार्क के पास बुलाकर डिजायर कार में दो लोगों ने बैठा लिया। फिर खुद को पुलिसकर्मी और पत्रकार बताकर उन्होंने साइबर क्राइम का केस दर्ज कर जेल भेजने की धमकी दी। इसकी ऐवज में 1 लाख रुपये की मांग की। पीड़ित ने अपने भाई के खाते से इनके खाते में 50 हजार रुपये ट्रांसफर कराए और बाकी रुपये जल्द देने की बात कहकर छूटा। सदर थाना में अवैध वसूली समेत अन्य धाराओं में एफआईआर दर्ज की गई। दो आरोपियों को किया गिरफ्तारमामले में डीसीपी ईस्ट नितिश अग्रवाल के निर्देश पर जांच के लिए सदर थाना एसएचओ इंस्पेक्टर वेदप्रकाश व झाड़सा चौकी इंचार्ज की टीम बनाई गई। टीम ने 5 जून को ही राजस्थान जयपुर से सुनील नामक आरोपी को अरेस्ट किया। उसे 6 जून को कोर्ट से 1 दिन के रिमांड पर लेकर पूछताछ की गई। आरोपी ने वारदात कबूल की और डिजायर कार उससे बरामद की गई। सुनील से मिली जानकारी के आधार पर गुरुवार 15 जून को जयपुर से 29 साल के मोहित कुमार टांक व 37 साल के देवकीनंदन को अरेस्ट किया गया। देवकीनंदन एमपी का मूल निवासी है और अब जयपुर में रहता है। ऐसे देते थे वारदात को अंजामइनसे पूछताछ में पता चला कि मोहित पहले जयपुर में ही बतौर टूरिस्ट गाइड काम करता था। करीब 9 साल पहले इसकी मुलाकात एक चैनल के मालिक से हुई। वो चैनल स्टिंग करता था। अंग्रेजी भाषा पर अच्छी पकड़ होने के चलते मोहित भी चैनल मालिक के साथ मुंबई चला गया और स्टिंग ऑपरेशन करने लगा। वहां कई लोगों से अवैध वसूली की गई थी। कोविड के दौरान साल 2020 में ये लॉकडाउन के चलते जयपुर आ गया। फिर अपने पड़ोस में रहने वाले देवकीनंदन व सुनील के साथ मिलकर अवैध वसूली की वारदातें करने का प्लॉन बनाया। अलग-अलग वेबसाइट के जरिये ये कॉलगर्ल, जिगोलो सर्विस मुहैया कराने वाले लोगों को टारगेट कर उनसे संपर्क कर बुलाते और फिर एक साथी पत्रकार तो एक पुलिसकर्मी बनकर अवैध वसूली करते। देवकीनंदन को ये पुलिसकर्मी बनाते और उसे पहले से उस एरिया के थाने या चौकी के बाहर खड़ा कर देते। टारगेट को डराने के लिए सुनील ड्राइवर के साथ मोहित उसे थाने या चौकी के पास ले जाता और वहां पहले से मौजूद देवकीनंदन केस में फंसाने की धमकी देता।