बोफोर्स, M777… भारत का अभेद्य ‘किला’ है तवांग, चीन ने तैनात किए फाइटर जेट, जानें जंगी तैयारी

ल्‍हासा/तवांग: अरुणाचल प्रदेश में चीन की सेना ने लद्दाख की तरह से ही दुस्‍साहस दिखाते हुए तवांग में भारतीय सेना की चौकी पर कब्‍जा करने की कोशिश की। इस दौरान करीब 50 की तादाद में मौजूद भारतीय सैनिकों ने जोरदार शौर्य का प्रदर्शन करते हुए चीनी सैनिकों को मार भगाया। इस दौरान चीन के कई सैनिक बुरी तरह से घायल हुए हैं। यही नहीं चीन ने कोशिश की थी कि वह भारत के साथ संघर्ष का ड्रोन से गलवान की तरह से वीडियो बनाए लेकिन भारतीय सैनिकों ने उसके इस नापाक प्‍लान को फेल कर दिया। चीनी सैनिक दुम दबाकर भाग गए। विशेषज्ञों का कहना है कि तवांग का इलाका लद्दाख नहीं है। भारत ने इतनी बड़ी तादाद में सैनिक, हथियार और गोला बारूद तैनात कर रखा है कि यह एक अभेद्य किले में बदल चुका है। वहीं भारत से निपटने के लिए चीन ने फाइटर जेट और ड्रोन के साथ बहुत खतरनाक प्‍लानिंग कर रखी है। आइए समझते हैं दोनों देशों की सैन्‍य ताकत…

लद्दाख से लेकर अरुणाचल प्रदेश तक आंखें दिखा रहे चीन से निपटने के लिए भारत ने अपनी जंगी तैयारी को बहुत पुख्‍ता कर लिया है। भारत ने अरुणाचल प्रदेश में न केवल नए हथियारों की तैनाती की है, बल्कि पुराने हथियारों को अपग्रेड भी किया है। भारत ने चीन के घर में वार में वार करने के लिए अमेरिका से खरीदी गई बेहद हल्‍की तोप M-777 को तैनात किया है। इसके अलावा भारत की कारगिल जंग में बेहद सफल साबित हुई बोफोर्स तोप भी तवांग सीमा पर तैनात है। भारत ने हवाई रास्‍ते से चीन के फाइटर जेट और ड्रोन हमले को विफल करने के लिए L-70 गन को तैनात किया है। इसके अलावा चीन सीमा पर तैनात जवानों को अत्‍याधुनिक राइफल भी दी गई है।

तवांग में तैनात है L-70 एयर डिफेंस सिस्‍टम

भारत ने चीन के ड्रोन और फाइटर जेट जैसे हवाई खतरे से निपटने के लिए अपनी एल-70 गन को अत्‍याधुनिक बनाया है। इस तोप को बड़े पैमाने पर तवांग में तैनात किया है। तेजी से गोलियां बरसाने वाली यह गन हवाई खतरे से निपटने का भारत का मुख्‍य हथियार है। यह एल-70 गन युद्ध में भी बेहद कारगर साबित हुई है। यह गन नीचे से उड़ान भर रहे हवाई खतरे जैसे ड्रोन, अटैक हेलिकॉप्‍टर और आधुनिक एयरक्राफ्ट को मार गिराने में सक्षम हैं। इसमें खुद ही अपने लक्ष्‍य की पहचान करने की ताकत है। यह दिन और रात दोनों ही समय में हमला कर सकती है और नाइट विजन कैमरे से लैस है। इसमें रेडॉर लगा है जो लक्ष्‍य पर सटीक हमला करने में मदद करता है। इसकी रेंज 3 किमी तक है।

अमेरिकी अल्‍ट्रा लाइट होवित्‍जर एम-777

भारत ने अमेरिका से खरीदी गई बेहद हल्‍की तोप एम-777 को भी तवांग में तैनात किया है। भारतीय सेना में 75 तोपें अब तक शामिल हो चुकी हैं और उन्‍हें एलएसी पर तैनात भी कर दिया गया है। यह तोप 155 एमएम की है और इसे हेलिकॉप्‍टर या टो करके कहीं भी ले जाया जा सकता है। इसका वजन मात्र 4 टन होता है। इस तोप की रेंज करीब 40 किमी तक है। इसके अलावा भारत ने कारगिल में विजय दिलाने वाले बोफोर्स तोप को भी तवांग में तैनात कर रखा है। यह तोप पहाड़ों में कहर बरपाने में सक्षम है। इसकी भी मारक क्षमता 40 किमी तक है।

चीन ने तैनात की तोप, फाइटर जेट, ड्रोन

चीन तवांग पर अपना अधिकार मानता है और भारतीय इलाके पर कब्‍जा करने के लिए चीन ने व्‍यापक जंगी तैयारी कर ली है। चीन ने अपनी PCL-181 तोप को तैनात किया है जो लंबी दूरी तक मार करने में सक्षम है। भारत के एम-777 तैनात करने के बाद चीन ने यह कदम उठाया है। इसके अलावा चीन ने अपने अरुणाचल के बेहद करीब स्थित शिगात्‍से एयरपोर्ट पर बड़े पैमाने पर जे सीरिज के फाइटर जेट और ड्रोन विमान तैनात कर रखे हैं। सैटलाइट तस्‍वीरों से इसकी पुष्टि हुई है। चीन की वायुसेना से निपटने के लिए भारत ने सुखोई-30 फाइटर जेट पूरे पूर्वोत्‍तर क्षेत्र में तैनात कर रखे हैं। चीन के ड्रोन विमान पिछले दिनों भारतीय सीमा के पास आए थे और इसके बाद भारत ने सुखोई को उड़ाकर कड़ा संदेश दिया था। इसके अलावा पश्चिम बंगाल में राफेल फाइटर जेट भी पूरी तरह से तैयार हैं।