काला अध्याय, दुष्ट, बदमाश… इमरान पर भड़की पाक सेना, जिन्ना के देश में कुछ बड़ा होने जा रहा?

इस्लामाबाद: पाकिस्तान में की गिरफ्तारी के बाद भड़की हिंसा पर सेना ने सख्त नाराजगी जताई थी। सेना ने कहा है कि 9 मई को एक काले अध्याय के तौर पर याद किया जाएगा। इस दिन इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद उनके समर्थकों ने पूरे पाकिस्तान में जमकर कोहराम मचाया था। उन्होंने रावलपिंडी और लाहौर में सैन्य प्रतिष्ठानों को निशाना बनाया था। के प्रॉपगैंडा विंग इंटर सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर) के डायरेक्टर जनरल इफ्तिखार बाबर ने दंगाइयों को चेतावनी देते हुए कहा कि हम किसी को भी कानून अपने हाथ में लेने की इजाजत नहीं देंगे। इस बीच पंजाब और इमरान खान के गृह राज्या खैबर पख्तूनख्वा में सेना की तैनाती कर दी गई है। इस्लामाबाद में भी सेना की टुकड़ियों को हाई अलर्ट पर रखा गया है। ऐसे में पाकिस्तान में कुछ बड़ा होने का अंदेशा जताया जाने लगा है। पाकिस्तानी सेना ने इमरान की पार्टी को कहा ‘पाखंडी’ पाकिस्तानी सेना की मीडिया विंग के प्रमुख इफ्तिखार बाबर ने कहा कि इमरान खान को इस्लामाबाद उच्च न्यायालय से एनएबी के बयान और कानून के अनुरूप गिरफ्तार किया गया था। इस गिरफ्तारी के तुरंत बाद, सेना की संपत्तियों और प्रतिष्ठानों पर हमले किए गए, जबकि सेना विरोधी नारे लगाए गए। ये बदमाश अपने सीमित और स्वार्थी उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए राष्ट्र की भावनाओं को भड़काते हैं और दूसरी ओर, वे लोगों को धोखा देते हैं। यह पाखंड का एक उदाहरण है। उन्होंने कहा कि राजनीतिक चोला पहने इस समूह ने वो कर दिखाया है जो 75 साल में दुश्मन नहीं कर पाए, वो सब सत्ता की लालसा में किया गया है।सेना के धैर्य की तारीफ की, कहा- हमें भड़काना चाहते थेआईएसपीआर प्रमुख ने पाकिस्तानी सेना की तारीफ करते हुए कहा कि हमनेने देश के व्यापक हित में अपनी प्रतिष्ठा की परवाह न करते हुए धैर्य और संयम दिखाया और अत्यधिक सहिष्णुता का परिचय दिया। नापाक योजना के तहत बनाई गई इस स्थिति के साथ, सेना को तत्काल प्रतिक्रिया देने के लिए एक जघन्य प्रयास किया गया, जिसका इस्तेमाल अपने नापाक राजनीतिक उद्देश्यों के लिए किया जा सकता है। सेना की परिपक्व प्रतिक्रिया ने इस साजिश को विफल कर दिया। हम अच्छी तरह जानते हैं कि इसके पीछे कुछ भयावह पार्टी नेतृत्व के आदेश, निर्देश और पूरी पूर्व योजना थी।सेना ने दंगाइयों को अंजाम तक पहुंचाने की कसम खाईआईएसपीआर ने कहा कि विरोध प्रदर्शनों में शामिल सूत्रधारों, योजनाकारों और राजनीतिक कार्यकर्ताओं की पहचान कर ली गई है। उनके खिलाफ कानून के अनुसार सख्त कार्रवाई की जाएगी और ये सभी दुष्ट तत्व अब परिणामों के लिए जिम्मेदार होंगे। सभी कानून प्रवर्तन एजेंसियों, सैन्य और राज्य प्रतिष्ठानों और संपत्तियों सहित सेना पर किसी भी हमले का कड़ा जवाब दिया जाएगा, जिसकी जिम्मेदारी इसी समूह पर होगी जो पाकिस्तान को गृहयुद्ध में धकेलना चाहता है और इसे कई बार व्यक्त कर चुका है। उन्होंने कहा कि किसी को भी लोगों को उकसाने और कानून अपने हाथ में लेने की इजाजत नहीं दी जा सकती।एक्सपर्ट भी बोले- दोराहे पर खड़ा है पाकिस्तानद विल्सन सेंटर में साउथ एशिया इंस्टीट्यूट के डायरेक्टर माइकल कुगेलमैन ने कहा कि 15 साल पहले औपचारिक सैन्य शासन की समाप्ति के बाद से पाकिस्तान आज सार्वजनिक व्यवस्था के लिए अपने सबसे बड़े खतरे का सामना कर रहा है। पाकिस्तान में सेना को पहले कभी इस तरह निशाना नहीं बनाया गया है। ऐसे में हो सकता है कि सेना मार्शल लॉ न लगाए, लेकिन हाईब्रिड शासन मॉडल को लागू कर सकता है। अगर विरोध प्रदर्शनों को कुचल भी दिया जाए, तब भी इसके भविष्य में फिर से शुरू होने की आशंका बनी रहेगी। हो सकता है कि जितना संभव हो, उतना अशांति फैलाने की योजना हो, जिसका उद्देश्य चुनाव स्थगित करने के लिए बहाने के तौर पर किया जाए।