कांग्रेस नेता गौरव गोगोई ने शनिवार को भाजपा पर हमला करते हुए कहा कि उसके सदस्यों द्वारा ‘जय श्री राम’ के नारे गुस्से और नफरत को दर्शाते हैं, और उनसे महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे की पूजा करने की परंपरा को छोड़ने का आग्रह किया। ऐतिहासिक राम मंदिर के निर्माण और श्री राम लला की प्राण प्रतिष्ठा पर लोकसभा में बहस में भाग लेते हुए गोगोई ने कहा कि भगवान राम सबके हैं और हर समय सबके साथ हैं। वह हर क्षण हमारे कण-कण में है। लोकसभा में कांग्रेस के उपनेता ने कहा कि “राम राज्य” की परिभाषा का अर्थ है एक ऐसा युग जब हर कोई खुश हो और कोई भी दुखी न हो।इसे भी पढ़ें: जगदीप धनखड़ ने की जयराम रमेश की खिंचाई, कहा: वह राज्यसभा में रहने के योग्य नहींउन्होंने आश्चर्य जताया कि क्या वर्तमान समय में देश के उत्पीड़ित, पिछड़े वर्ग और अल्पसंख्यक खुश हैं। गोगोई ने कहा कि अनुसूचित जाति (एससी) के खिलाफ अपराध बढ़ रहे हैं और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) जाति जनगणना की मांग कर रहे हैं क्योंकि जब विश्वविद्यालयों में शिक्षा और सरकारी नौकरियों में हिस्सेदारी की बात आती है तो उन्हें भेदभाव महसूस होता है। उन्होंने कहा कि भाजपा का अहंकार उन्हें महंगाई, असहिष्णुता, अल्पसंख्यकों के प्रति हिंसा देखने से रोक रहा है। सत्ता पक्ष के सदस्यों के विरोध करने पर गोगोई ने कहा कि ‘जय श्री राम’ के नारे से प्रेम और सद्भावना झलकनी चाहिए।इसे भी पढ़ें: दुनिया के हर क्षेत्र में पहचान बना रहा भारत केंद्रीय मंत्री शेखावतगोगोई ने कहा कि लेकिन आपके ‘जय श्री राम’ नारे में गुस्सा और नफरत है। अगर आपका दिल नफरत से भरा है, अगर आप दूसरों पर गोलियां चलाते हैं या दूसरे धर्मों के पूजा स्थलों को अपवित्र करते हैं तो आप ‘राम भक्त’ नहीं हो सकते। उन्होंने कहा कि सीता ने अपने धैर्य और दैवीय ऊर्जा को कभी कम नहीं होने दिया, लेकिन उन्नाव में दलित लड़की या दुर्व्यवहार का विरोध करने वाली महिला खिलाड़ियों को ऐसा अनुभव नहीं हुआ। गोगोई ने कहा कि वे असहाय महसूस कर रहे थे। हमारे चारों ओर असहायता है। आप उन युवाओं में असहायता देखेंगे जो नौकरी तलाश रहे हैं। कुछ ने नशे की लत और अपराध को अपना लिया है, जबकि अन्य दूसरे देशों में नौकरी की तलाश कर रहे हैं।