राहुल गांधी ने कहा कि सच्चाई को छिपाया नहीं जा सकता है। कहीं न कहीं से सच्चाई बाहर आ जाती है और ये यात्रा हिंदुस्तान को जोड़ने की है। क्यों, क्योंकि इस नफ़रत से, इस डर से हमारे प्यारे देश को नुकसान हो रहा है। ये सच्चाई है और इसीलिए हमने ये यात्रा कन्याकुमारी से लेकर कश्मीर तक शुरू की है और ये जो हमारा तिरंगा है, इसको हम श्रीनगर में जाकर वहां पर फहराएंगे और आप में से हजारों लोग हमारे साथ चलोगे।
मगर देखिए, कॉम्पटीशन आर्थिक है। मुकाबला आर्थिक है। ये आपके जो सेलफोन हैं, ये आपकी जो शर्ट है, जूते हैं, इसके पीछे आप देखिए, प्रेस वालों के जो कैमरा हैं, इनके पीछे देखिए, उनके पीछे आपको लिखा दिखेगा, ‘मेड इन चाइना’। हमें शर्ट के पीछे, सेलफोन के पीछे, जूतों के नीचे, ‘मेड इन इंडिया’ लिखना है और एक ऐसा दिन आना चाहिए जब शंघाई में कोई युवा नए जूते खरीदे, उसके नीचे देखे ‘मेड इन न्यू डेल्ही, इंडिया’, ये हिंदुस्तान चाहिए। इसी से हमारे युवाओं को रोजगार मिलेगा। तो ये करना ही पड़ेगा, च्वाइस नहीं है और ये हम करके दिखा देंगे, ये देश कर सकता है, करके दिखा सकता है।
उन्होंने कहा कि इस यात्रा का लक्ष्य भारत को जोड़ने का है, जब हमने ये शुरू किया, कन्याकुमारी में यात्रा शुरू की, तो मैं सोच रहा था कि नफरत को मिटाने की जरूरत है और मेरे दिमाग में था कि इस देश में सब जगह नफरत फैली हुई है। मगर जब मैंने चलना शुरू किया, तो सच्चाई बिल्कुल अलग थी। मैंने मीडिया के बारे में कहा था कि हमारे दोस्त हैं। दोस्त हैं, मगर हमारी बात टीवी पर कभी नहीं दिखाते हैं… इनके जो चैनल हैं, ये भी नफरत फैलाने का काम करते हैं। 24 घंटे हिंदू-मुस्लिम, हिंदू-मुस्लिम, हिंदू-मुस्लिम, हिंदू-मुस्लिम।
राहुल ने कहा कि ये देश एक है, इन सड़कों पर लाखों लोगों से मिला हूं। सारे के सारे एक दूसरे से मोहब्बत करते हैं, प्यार करते हैं, गले लगते हैं। देखिए मेरे सामने, ये देखिए घूम कर देखिए (लाल किले के सामने विभिन्न मंदिरों, गुरुद्वारा और मस्जिद की ओर इशारा करते हुए कहा), ये जैन मंदिर है, गुरुद्वारा है, मंदिर है, मस्जिद है, ये है हिंदुस्तान। ये सच्चाई है हिंदुस्तान की और ये नई बात नहीं है, ये हजारों साल से इस देश की सच्चाई है। प्यार से ये देश मिलकर एक साथ रहा है। पर सवाल उठता है, ये जो मीडिया के लोग हैं, ये नहीं, ये जो इनके पीछे हैं, ये नफरत क्यों फैलाना चाहते हैं? आपने कभी पूछा अपने आपसे कि मीडिया 24 घंटे कभी मोहब्बत की बात नहीं करेंगे, कभी आपने देखा है? कभी आपने टीवी पर देखा कि देखो एक हिंदुस्तानी दूसरे हिंदुस्तानी से गले लग गया, नहीं, कभी नहीं दिखेगा। सही बात है ना। सही बात। कभी नहीं दिखेगा, इसका कारण है। उन्होंने कहा कि भाइयो और बहनो, ये जो किया जा रहा है, ये आपके ध्यान को हटाने के लिए किया जा रहा है।
ठंड में टीशर्ट क्यों?
राहुल ने उस सवाल का भी जिक्र किया जिसकी काफी चर्चा है। राहुल को टीशर्ट में देख कई नेताओं ने तंज कसा है। राहुल ने कहा कि प्रेसवालों ने मुझसे पूछा, क्या आपको ठंड नहीं लगती? मैंने सोचा ये मुझसे पूछ रहे हैं, ये हिन्दुस्तान के किसान से क्यों नहीं पूछते? ये हिन्दुस्तान के मजदूर से क्यों नहीं पूछते? ये हिन्दुस्तान के गरीब बच्चों से क्यों नहीं पूछते? फिर कहते हैं, देखो 2,800 किलोमीटर चल लिए। कोई बड़ी बात नहीं है। पूरा हिन्दुस्तान चलता है, जिन्दगी भर चलता है। किसान चलता है, मजदूर चलता है, फैक्टरी में जो काम करते हैं, वो चलते हैं तो हमने ये कोई बड़ा काम नहीं किया है।
आखिर में राहुल ने कहा कि आप सबने इतना प्यार दिया, मैंने भाषण में राजस्थान में कहा था कि नफ़रत के बाजार में हम मोहब्बत की दुकान खोलेंगे। आपने लाखों दुकानें खोल दी हैं।