अभय सिंह राठौड़, लखनऊ: के दूसरे चरण का मतदान हो गया है। इस चरण में की मथुरा, अलीगढ़, बागपत, मेरठ समेत कुल आठ सीटों पर वोटिंग हुई है। इस बार सभी आठों सीटों पर के संयुक्त उम्मीदवारों से को कड़ी टक्कर का सामना करना पड़ा है। क्योंकि 2019 लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने 8 में से 7 सीट पर जीत दर्ज की थी। अमरोहा सीट पर बहुजन समाज पार्टी के कुंवर दानिश अली ने जीत दर्ज की थी। बीजेपी ने मिशन 80 की प्राप्ति के लिए दूसरे चरण की सभी 8 सीटों पर अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। जानकारों की माने तो बीजेपी को अधिकतर सीट पर कांटे की टक्कर का सामना करना पड़ा है। वहीं लागातर दूसरे चरण में हुए कम मतदान को राजनीतिक विश्लेषक कई मायनों से देख रहे हैं, उनका कहना है कि इस चरण में बीजेपी को नुकसान हो सकता है। 50-50 सीटों पर पलड़ा भारी है।दरअसल दूसरे चरण में यूपी में मात्र 54.85 फीसदी मतदान हुआ है। इसमें अमरोहा में सबसे ज्यादा 64.02%, मेरठ में 58.70 फीसदी, बागपत में 55.93%, गाजियाबाद में 49.65%, गौतमबुद्धनगर में 53.21%, बुलंदशहर में 55.79%, अलीगढ़ में 56.62% और मथुरा में 49.29 फीसदी मतदान हुआ है। यानी कि इस चरण में पहले चरण की तुलना में 5 फीसदी कम वोटिंग हुई है। वहीं अमरोहा में भले इस चरण की आठ सीटों की तुलना में सबसे ज्यादा वोट पड़ा है लेकिन 2019 की अपेक्षा यहां भी कम मतदान हुआ है। अमरोहा में बीजेपी उम्मीदवार कंवर सिंह तंवर और कैंडिडेट दानिश अली के बीच मुकाबला है। जहां तब मुस्लिमों की बात है तो मुसलमान इंडिया गठबंधन के साथ गया है। हालांकि बसपा के कैंडिडेट ने भी मुस्लिम वोटबैंक में सेंधमारी की है। गाजियाबाद सीट पर खेल बिगड़ाजबकि बीजेपी के उम्मीदवार कंवर सिंह तंवर को मुस्लिम और यादव को छोड़कर बाकी सभी जातियों का वोट मिलने का दावा किया जा रहा है। सपा के साथ आने से कांग्रेस उम्मीदवार को मुस्लिम के साथ साथ यादव वोट भी भरपूर मिलने की बात कही जा रही है। दानिश इस सीट से मौजूदा सांसद हैं। इस वजह से फाइट कांटे की हुई है, लेकिन कुछ हद तक बीजेपी का पलड़ा भारी है। वहीं वरिष्ठ पत्रकार प्रमोद गोस्वामी ने बताया कि अमरोहा के साथ ही अलीगढ़ सीट भी बीजेपी के लिए चुनौती बनी हुई है। गाजियाबाद से वीके सिंह को टिकट ना मिलने से ठाकुर वर्ग नाराज है, किसान और नौजवान भी नाराज है। इस सीट पर बीजेपी को नुकसान हो सकता है। मथुरा में बीजेपी की जीत की संभावना है। लेकिन जीत का मार्जिन घट जाएगा।बसपा इस चरण में लड़ाई से बाहरगौतमबुद्धनगर सीट से बीजेपी जीत दर्ज कर सकती है। जबकि बागपत में लड़ाई है, लेकिन जयंत चौधरी की पार्टी उस सीट पर जीत दर्ज कर सकती है। क्योंकि बागपत चौधरी चरण सिंह की सीट रही है। इस नाते चौधरी साहब के प्रति लोगों का आज भी लगाव है, लेकिन 100 प्रतिशत नहीं है कि RLD जीत ही जाएगी। इसी तरह बुलंदशहर में भी इंडिया गठबंधन और बीजेपी के बीच कांटे की लड़ाई है। मेरठ में भी इस बार बीजेपी का मामला फंस गया है। इस तरह दूसरे चरण की आठ सीटों पर बीजेपी को अपनी 7 सीटें भी बचाने में मुश्किल हो सकती है। दोनों गठबंधनों का 8 में से आधी-आधी सीट पर पलड़ा भारी है। बसपा इस चरण में कही भी फाइट में नजर नहीं आ रही है। अगर बसपा जीत जाए तो चमत्कार हो जाएगा।इंडिया गठबंधन की स्थिति मजबूतजानकारों की माने तो बीजेपी इस बार जनता के मुद्दों से हटकर अन्य मुद्दों पर जोर दे रही है, जबकि आम जनता महंगाई, बेरोजगारी समेत तमाम मुद्दों को लेकर सरकार से नाराज है। विपक्ष बहुत हद तक जनता के मुद्दों को उठाने की कोशिश कर रहा है। इसमें इंडिया गठबंधन कामयाब होता भी नजर आ रहा है। वहीं बीजेपी की माने तो बीजेपी के उम्मीदवार दूसरे चरण की सभी आठ सीटों पर जीत दर्ज कर मिशन 80 हासिल कर लेगी। वहीं यूपी कांग्रेस के प्रभारी अविनाश पांडेय का कहना है कि इंडिया गठबंधन के उम्मीदवार जीत रहे हैं, क्योंकि लोगो के अंदर बीजेपी के लिए बहुत असंतोष है। कांग्रेस की ओर से दावा किया गया है कि मथुरा से हेमा मालिनी चुनाव हार रही है और कांग्रेस का उम्मीदवार चुनाव जीत रहा है। गाजियाबाद में भी कांग्रेस उम्मीदवार चुनाव जीत सकता है। इसके साथ ही अमरोहा और अलीगढ़ में भी इंडिया गठबंधन के उम्मीदवार बीजेपी पर भारी पड़े है।