Bengal Violence को लेकर राज्यपाल से मिले भाजपा नेता, सुकांता मजूमदार बोले- कानून व्यवस्था को संभाल नहीं पा रही पुलिस

पश्चिम बंगाल में रामनवमी के बाद शुरू हुई हिंसा को लेकर राजनीतिक लगातार जारी है। भाजपा बंगाल में हिंसा को लेकर राज्य की ममता बनर्जी और उनके सरकार पर हमलावर है। दूसरी ओर ममता बनर्जी लगातार भाजपा पर निशाना साध रही है और हिंसा को लेकर भगवा पार्टी को दोषी बता रहे हैं। इन सबके बीच पश्चिम बंगाल के भाजपा नेताओं ने आज राज्यपाल से मुलाकात की है और उन्हें ज्ञापन सौंपा है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सुकांता मजूमदार ने कहा कि रामनवमी की हिंसा पूर्व नियोजित थी, क्योंकि बम एक दिन में नहीं बनते…राज्यपाल ने हमें रिषड़ा और उसके आस-पास इलाकों में जाने से मना किया इसलिए हम वहां नहीं जाएंगे लेकिन अगर कल की तरह वहां फिर हिंसा हुई तो हमें धरने पर बैठना पड़ेगा।  इसे भी पढ़ें: News Raftaar I बंगाल-बिहार की हिंसा पर जारी है राजनीति, पढ़ें दिनभर की बड़ी खबरेंसुकांता मजूमदार ने कहा कि हमने राज्यपाल से मुलाकात कर तत्काल केंद्रीय हस्तक्षेप की मांग की है क्योंकि पुलिस कानून व्यवस्था को संभाल नहीं पा रही है। वहीं, ट्रेन से रिषड़ा पहुंचने पर भाजपा सांसद लॉकेट चटर्जी ने कहा कि यहां धारा 144 नहीं लगनी चाहिए, अगर 144 लगाया है तो मुझे कागज़ दिखाएं कि यहां धारा 144 लागू है। यह उनकी संपत्ति नहीं है। हम थाने में जाना चाहते हैं। इससे पहले पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा था कि ये भाजपा के लोग रामनवमी की शोभायात्रा में राम का नाम बदनाम करने के लिए हावड़ा में बुलडोजर लेकर गए, ट्रैक्टर और बंदूक लेकर गए, इनके पास पुलिस की इजाज़त नहीं थी। ज़बरदस्ती इन्होंने फल-सब्जी की दुकाने जला दी, लोगों के घर जला दिए।  इसे भी पढ़ें: Bengal Violence पर बोलीं ममता, बीजेपी वाले कभी भी दंगा करा सकते हैं, मुझे हर वक़्त अलर्ट रहना होता हैममता ने कहा कि हावड़ा में शांति हुई तो दूसरे दिन ये(BJP) लोग रिशड़ा चले गए। ये लोग धर्म के नाम पर धर्म को बदनाम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मुझे हर वक़्त अलर्ट रहना होता कि भाजपा कब कहां जाकर दंगा कर दे। ये लोग समझते नहीं हैं बंगाल के लोग दंगा पसंद नहीं करते। दंगा करना बंगाल की संस्कृति नहीं है। हम दंगा नहीं करते हैं, आम लोग दंगा नहीं करती है, भाजपा से नहीं हो पाता तो दंगा भड़काने के लिए वे किराए के लोगों को लेकर आते हैं। रामनवमी में जिस युवक की तस्वीर हथियार लेकर देखी गई थी, ऐसा ही सीपीएम करती थी। क्या आप सीपीएम का अत्याचार भूल गए हैं?