आम आदमी पार्टी (आप) मध्य प्रदेश में इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव में सभी 230 सीटों पर चुनाव लड़ेगी. पार्टी के एक पदाधिकारी ने यह जानकारी दी. पार्टी के संगठन महासचिव संदीप पाठक ने राज्य में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और विपक्षी कांग्रेस पर विनाशकारी राजनीति करने का आरोप लगाया और कहा कि मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में आप लोगों के सामने अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में दिल्ली सरकार के मॉडल को रखेगी.
पार्टी के संगठन महासचिव संदीप पाठक ने मध्य प्रदेश में हाल के स्थानीय निकाय चुनावों में पार्टी के प्रदर्शन का हवाला दिया और कहा कि आप यहां अगली सरकार बनाएगी. पाठक ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘हम सभी विधानसभा क्षेत्रों में उम्मीदवार उतारेंगे और अपनी पूरी ताकत से चुनाव लड़ेंगे.’ मध्य प्रदेश में 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में कुल 230 सीटों में से कांग्रेस 114 सीटों पर जीत के साथ सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी थी और भाजपा को 109 सीटें मिली थीं.
कांग्रेस ने बाद में कमलनाथ के नेतृत्व में गठबंधन सरकार बनाई. हालांकि, मार्च 2020 में कांग्रेस के कई विधायकों के भाजपा में जाने के बाद भगवा पार्टी की सत्ता में वापसी का मार्ग प्रशस्त हुआ. मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए कम समय और प्रदेश कार्यसमिति भंग करने के बाद की स्थिति पर उन्होंने कहा कि राज्य में जल्द ही समिति गठित कर दी जाएगी.
MP में हमारे कार्यकर्ता बढ़ रहे- AAP
आप नेता ने मध्य प्रदेश में पार्टी सदस्यता अभियान शुरू करने की घोषणा करते हुए कहा, ‘चूंकि हमारे नेताओं और कार्यकर्ताओं की संख्या मध्य प्रदेश में कई गुना बढ़ गई है, इसलिए हमने अपनी राज्य कार्यकारी समिति को भंग कर दिया ताकि इसका विस्तार किया जा सके और नए चेहरों को जोड़ा जा सके.’ उन्होंने दावा किया, “लोग चुनाव लड़ते हैं. हमारी पार्टी तेजी से मजबूत हुई है, जो पिछले साल मध्य प्रदेश में निकाय चुनावों के दौरान मेयर का चुनाव जीतने पर देखा गया. कई जगहों पर हमारे पार्षद भी जीते हैं.
स्थानीय निकाय चुनाव में BJP-कांग्रेस को मिला झटका
स्थानीय निकायों के चुनावों ने दोनों दलों (भाजपा और कांग्रेस) को एक जोरदार और स्पष्ट संदेश दिया है. उन्होंने कहा, ‘हम मध्य प्रदेश में अगली सरकार बनाने जा रहे हैं. हमारे पास देश में 2,000 से 2,500 पार्षद हैं.’ राज्यसभा सदस्य ने यह भी कहा कि केजरीवाल के नेतृत्व में आप के उदय के साथ भारत में ‘विनाशकारी और गंदी राजनीति’ की जगह ‘रचनात्मक राजनीति’ ले रही है.
(भाषा के इनपुट के साथ)