इस्लामाबाद: पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी की पहली भारत यात्रा पर दुनियाभर की नजरें टिकी हैं। यह पिछले एक दशक से भी ज्यादा समय में किसी पाकिस्तानी विदेश मंत्री की पहली भारत यात्रा है। बिलावल शंघाई सहयोग संगठन की बैठक में हिस्सा लेने के लिए भारत के गोवा पहुंचे हैं। पाकिस्तान इस यात्रा को लेकर दुनियाभर में अपनी उदार छवि को पेश करने में जुटा हुआ है। खुद बिलावल ने वीडियो जारी कर कहा कि उनकी भारत यात्रा का मकसद यह दिखाना है कि पाकिस्तान शंघाई सहयोग संगठन की बैठक को कितनी गंभीरता से ले रहा है। हालांकि, अब बिलावल की भारत यात्रा के असली मकसद को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। भारत और पाकिस्तान के बीच आतंकवाद समेत कई मुद्दों को लेकर द्विपक्षीय संबंध बुरे दौर से गुजर रहे हैं। चीन के आदेश पर भारत आए बिलावल भुट्टो!द विल्सन सेंटर में साउथ एशिया इंस्टीट्यूट के डायरेक्टर माइकल कुगेलमैन ने कहा कि इस्लामाबाद की विदेश नीति के लक्ष्यों को आगे बढ़ाने में मदद करने वाले एक क्षेत्रीय समूह के साथ जुड़ने की इच्छा से परे है। पाकिस्तानी विदेश मंत्री की एससीओ शिखर सम्मेलन के लिए भारत आने के कई छिपे हुए कारण हैं। उन्होंने बताया कि संभवत: चीन चाहता था कि पाकिस्तान वहां रहे। ऐसे में पाकिस्तान अपने सबसे करीबी सहयोगी को नकार नहीं सका। वह भी ऐसे समय में जब पाकिस्तान को चीन की सबसे ज्यादा जरूरत है। चीन और पाकिस्तान के बीच सीपीईसी में भ्रष्टाचार, पाकिस्तान में चीनी नागरिकों पर हमले और स्थानीय कानून में फंसाने को लेकर विवाद चल रहा है। पाकिस्तान आर्थिक तंगी से गुजर रहा है, जिसमें उससे सबसे ज्यादा मदद चीन से ही मिलने की उम्मीद है।यूक्रेन को हथियार सप्लाई पर रूस को सफाई देना है मकसदकुगेलमैन ने यह भी कहा कि पाकिस्तान रूस-यूक्रेन युद्ध में तटस्थता को प्रदर्शित करने का इच्छुक है। विशेष रूप से यूक्रेन को हथियार भेजने की खबरों के बाद पाकिस्तान के हाथ-पांव फूले हुए हैं। इसको बैलेंस करने के लिए पाकिस्तान रूस से तेल को खरीद रहा है। एससीओ की बैठक में पाकिस्तान को रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव को प्यार दिखाने और पुचकारने का भी मौका मिल जाएगा। ऐसी संभावना है कि बिलावल भुट्टो जरदारी चीन और रूस के विदेश मंत्रियों के साथ एससीओ बैठक के इतर द्विपक्षीय बैठक भी करें। यही कारण है कि पाकिस्तान को एससीओ बैठक में हिस्सा लेने में नुकसान से ज्यादा फायदा दिखाई दिया। पाकिस्तान में बिलावल की भारत यात्रा पर बवाल को लेकर पाकिस्तान में राजनीति गरमा गई है। पाकिस्तान की प्रमुख विपक्षी पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ ने बिलावल पर भारत के साथ दोस्ती करने का आरोप लगाया है। इमरान खान के करीबी समझे जाने वाले पीटीआई के वरिष्ठ नेता फवाद चौधरी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ जमकर जहर उगला है। वहीं, पूर्व विदेश मंत्री और पीटीआई के उपाध्यक्ष शाह महमूद कुरैशी ने कहा कि उम्मीद है कि बिलावल भुट्टो मौका नहीं चूकेंगे और भारत के सामने सभी मुद्दे उठाएंगे। हालांकि, उन्होंने खुद कहा कि एससीओ की बैठक में द्विपक्षीय मुद्दों को नहीं उठाया जा सकता है। इसके बावजूद पाकिस्तान के विपक्षी नेता बिलावल भुट्टो को उकसा रहे हैं।