बिहार की नीतीश कुमार सरकार को जातीय जनगणना पर बड़ा झटका लगा है। पटना हाईकोर्ट ने राज्य में जातीय जनगणना पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है। पटना हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस वी चन्द्रन की बेंच ने साथ ही निर्देश दिया है कि अंतिम फैसला होने तक जातीय जनगणना के दौरान अब तक संग्रहित किए गए डेटा को नष्ट नहीं किया जाना चाहिए। अब इस मामले में अगली सुनवाई 3 जुलाई को होगी।#WATCH | Bihar: The Patna High Court has put a stay on the Caste-based census in BiharRs 500 crore will be spent on the caste census, which will be a misuse of money. That’s why the court has agreed that this policy is against the constitution, statute & census Act of 1948…:… pic.twitter.com/o27tzTmSg8— ANI (@ANI) May 4, 2023
जातीय जनगणना पर रोक लगाने का पटना हाईकोर्ट का फैसला बिहार की नीतीश सरकार के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। हाईकोर्ट के फैसले पर राज्य के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने प्रतिक्रिया देते हुए निराशा जताई है। आदेश के बाद उन्होंने कहा कि जाति आधारित जनगणना जनकल्याण के लिए है, हम गरीबी, पिछड़ापन मिटाना चाहते हैं। एक बात तो साफ है, इसका होना तय है।#WATCH | Bihar Deputy CM Tejashwi Yadav speaks after Patna HC puts a stay on Caste-based census, says, “Caste-based census is for welfare of the people, we want to eradicate poverty, backwardness. One thing is clear, it is bound to happen” pic.twitter.com/GZG7V5m7de— ANI (@ANI) May 4, 2023
बिहार की नीतीश सरकार ने पिछले साल जातिगत जनगणना कराने का फैसला किया था। इसका काम जनवरी 2023 से शुरू हुआ था और इसे मई तक पूरा किया जाना है। लेकिन अब हाईकोर्ट ने इस पर 3 जुलाई तक रोक लगा दी है। हालांकि, बिहार में जातीय जनगणना को लेकर लंबे समय तक केंद्र और राज्य के बीच खींचतान मची रही। बीजेपी की केंद्र सरकार हमेशा से इसके खिलाफ रही है। केंद्र के इनकार करने पर नीतीश सरकार ने राज्य में जातिगत जनगणना कराने का फैसला लिया था।नीतीश सरकार के जातिगत जनगणना कराने का फैसले लेने के बाद से ही केंद्र और बीजेपी के नेताओं की तरफ से इसका विरोध हो रहा है। इस पर रोक लगाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में भी याचिका दायर की गई थी, जिस पर सुनवाई से इनकार करते हुए शीर्षकोर्ट ने आवेदक को हाईकोर्ट जान को कहा था। इसके बाद पटना हाईकोर्ट में इसके खिलाफ 6 याचिकाएं दाखिल की गई थीं. इन याचिकाओं में जातिगत जनगणना पर रोक लगाने की मांग की गई थी। चीफ जस्टिस के विनोद चंद्रन और जस्टिस मधुरेश प्रसाद की पीठ ने बुधवार को याचिकाओं पर सुनवाई पूरी कर फैसला सुरक्षित रख लिया था, जिसे आज सुनाया गया।