पटना: बिहार के शिक्षा मंत्री प्रो चंद्रशेखर को विधान परिषद में बोलने नहीं दिया। मंगलवार को प्रो चंद्रशेखर ने श्रीरामचरितमानस को लेकर जैसे ही बोलना शुरू किया, उन्हें अपने ही गठबंधन के नेताओं का विरोध का सामना करना पड़ गया। विधानसभा की तरह आज शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने विधान परिषद में मोहन भागवत के बयान का जिक्र कर रामचरित मानस पर बोलना शुरू किया। तभी जेडीयू एमएलसी नीरज कुमार और आरजेडी के सुनील सिंह ने सभापति के सामने आपत्ति दर्ज कराई। लेकिन अपनी बात पूरी करने पर अड़े चंद्रशेखर के आचरण से परेशान होकर सभापति देवेश चंद्र ठाकुर ने सदन को बुधवार 15 मार्च तक के लिए स्थगित कर दिया। विधान परिषद में भी रामायण लेकर पहुंचे शिक्षा मंत्रीसोमवार को विधानसभा में शिक्षा बजट पर चर्चा के दौरान मंत्री प्रो चंद्रशेखर साथ में रामचरितमानस, रामायण लेकर गए थे। विधानसभा की कार्यवाही के दौरान चंद्रशेखर ने रामचरितमानस पर अपनी बात को सही साबित करने के लिए विवादित बयान दिए। उन्होंने संघ प्रमुख मोहन भागवत के बयान को भी कोट किया था। लेकिन मंगलवार को विधान परिषद में शिक्षा मंत्री का दांव उल्टा पड़ गया। लंच के बाद सदन में शिक्षा मंत्री को जदयू और अपनी पार्टी राजद के एमएससी के विरोध का सामना करना पड़ गया।रामायण-महाभारत कुरान में ही हम लोग फंसे रहे: नीरज कुमारदरअसल शिक्षा बजट पर चर्चा के दौरान मंत्री चंद्रशेखर ने शिक्षा पर बात रखने की बजाय फिर से श्रीरामचरितमानस को लेकर अपना पक्ष रखना शुरू कर दिया। सत्ता पक्ष से जेडीयू एमएसली नीरज कुमार ने शिक्षा मंत्री की जमकर आलोचन की। नीरज कुमार ने कहा- ‘महोदय! कभी संविधान की चर्चा करें कि रामायण-महाभारत कुरान में ही हम लोग फंसे रहे। हम लोग यहां शिक्षा बजट पर मंत्री को सुनने के लिए बैठे हैं।’ इतनी ही नहीं, नीरज कुमार ने शिक्षा मंत्री के विवादित बोल को सदन की कार्यवाही का हिस्सा न बनाने की मांग भी की। नीरज कुमार की बात का RJD MLC ने भी किया समर्थननीरज कुमार जब अपनी बात कर रहे थे तो उन्हें गठबंधन के साथी राजद एमएलसी सुनील कुमार सिंह का साथ मिल गया। सुनील कुमार सिंह ने कहा कि शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर को सुनने के लिए हम लोग बैठे हैं। शिक्षा मंत्री बिहार को कैसे आगे ले जाना चाहते हैं, हम लोग ये जानना चाहते हैं। रामायण या भागवत के बयान पर मंत्री जी की जो भावना है, हम उसका सम्मान करते हैं। लेकिन वो अलग मुद्दा है। यहां बात शिक्षा पर की जाए।