हर रोज 37 हजार यात्रियों को होता फायदा
गौरतलब है कि वैशाली से मोहननगर तक प्रस्तावित मेट्रो कॉरिडोर की लंबाई 5.04 किमी थी। इसका निर्माण एलिवेटेड किया जाना था। इस रूट पर 4 स्टेशन बनाए जाने प्रस्तावित थे, जहां से यात्री अपने गंतव्य के मेट्रो ले सकते थे। इनमें प्रह्लादगढ़ी, वसुंधरा सेक्टर-14, साहिबाबाद और मोहननगर शामिल हैं। इस प्रॉजेक्ट कि अनुमानित लागत 1808.22 करोड़ रुपये आंकी गई थी, जिसकी डीपीआर आज से पांच साल पहले तैयारी गई थी। यही नहीं, इस कॉरिडोर की खास बात यह थी कि साहिबाबाद मेट्रो स्टेशन का दिल्ली मेरठ आरआरटीएस स्टेशन के साथ कॉमन प्रवेश और निकास होगा। उस समय के सर्वे अनुसार इस ट्रैक के बनने से रोज 37,438 यात्रियों को सीधा लाभ पहुंचना था।
लंबे समय से चल रही थी मांग, मंत्री और अफसरों से कर चुके थे मुलाकात
आपको बता दें कि इन दोनों रूटों पर मेट्रो विस्तार की मांग को लेकर लोग लखनऊ में कई बड़े अधिकारियों और मंत्रियों तक से मिल चुके थे। इसमें संघर्ष समिति से लेकर, फेडरेशन ऑफ एओए और यहां तक कि कई पार्षद भी शामिल थे। लोगों का कहना है कि कोई भी अन्य परियोजना मेट्रो की जगह नहीं ले सकती है। लेकिन अब मेट्रो एक्सटेंशन का प्रस्ताव रद्द होने के बाद लोगों में मायूसी छा गई है।