यूपी में स्कॉलरशिप में बड़ा फ्रॉड, बच्चों-अधेड़ों के नाम पर 3000 खाते खोलकर हड़पे 75 करोड़

लखनऊ: एससी-एसटी और दिव्यांगों की स्कॉलरशिप से जुड़े घोटाले में हजारों फर्जी खातों से रकम के लेनदेन का पता चला है। ईडी के मुताबिक घोटालेबाजों ने सात से 12 साल के बच्चों और 45 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों के नाम पर 3,000 से ज्यादा फर्जी बैंक खाते खोले। इनसे करीब 75 करोड़ रुपये का हेरफेर किया। ज्यादातर फर्जी खाते ग्रामीण इलाके के लोगों के नाम पर खोले गए, जिन्हें न तो इन खातों की जानकारी है न ही आज तक किसी तरह की कोई स्कॉलरशिप मिली। ज्यादातर बैंक खाते फिनो बैंक की लखनऊ और मुंबई की शाखाओं में खोले गए। बैंक एजेंट की भी घोटालेबाजों से मिलीभगत पाई गई है। ईडी ने गुरुवार को छापेमारी में 36.51 लाख रुपये, 956 यूएस डॉलर, सैकड़ों सिम, मुहरें और सील बरामद की हैं। इसके अलावा जालसाजी से जुड़े कई अहम दस्तावेज भी हाथ लगे हैं।ईडी के मुताबिक घोटालेबाजों ने फिनो बैंक के लचर सिस्टम का जमकर फायदा उठाया। ईडी की छापेमारी में खुलासा हुआ है कि इस फर्जीवाड़े में फिनो बैंक के एजेंट रवि प्रकाश गुप्ता, साहिल अजीज, अमित कुमार मौर्य, तनवीर अहमद और जितेंद्र सिंह की अहम भूमिका है। संस्थानों ने फिनो एजेंटों की मदद से स्कॉलरशिप का जमकर इलेक्ट्रॉनिक हस्तांतरण किया और नकद निकासी की। फिनो बैंक से रकम निकालने के बाद संस्थानों के लोग इसे अपने खातों में जमा या ट्रांसफर कर देते थे।एजेंटों से सीधे ले लेते थे अकाउंट किटनियमानुसार छात्रवृति की राशि छात्र-छात्राओं के बैंक खाते में सीधे जमा होनी थी, लेकिन घोटालेबाजों ने सारे नियमों को दरकिनार रखते हुए फिनो एजेंटों से अकाउंट किट सीधे अपने कब्जे में ले ली। यही नहीं, उन्होंने बैंक से पूर्व हस्ताक्षरित ब्लैंक चेकबुक भी अपने कब्जे में ले रखी थी। ताकि वे कभी भी और कहीं से भी रकम निकाल या ट्रांसफर कर सकें। कुछ मामलों में, संस्थानों और उनके कर्मचारियों ने बैंक द्वारा एजेंटों को जारी किए गए आईडी और पासवर्ड हासिल कर लिए थे। कुछ घोटालेबाजों ने अपने संस्थानों में ही फिनो बैंकों के माइक्रो एटीएम लगवा लिए। संस्थानों द्वारा छात्र-छात्राओं के खाते से छात्रवृत्ति की रकम निकालकर उसका उपयोग किया गया। संस्थान ने जालसाजी, फर्जी आईडी प्रूफ व दस्तावेज से बड़ी संख्या में सिम कार्ड हासिल कर लिए थे। इनका इस्तेमाल बैंक खातों के संचालन में होता था। छापेमारी के दौरान, संदिग्ध व्यक्तियों, उनके परिवार के सदस्यों और सहयोगियों के नाम पर मनी लॉन्ड्रिंग से संबंधित साक्ष्य और रेकॉर्ड पाए गए, जिन्हें ईडी ने जब्त कर लिया।इन इंस्टिट्यूट में हुई छापेमारीएसएस इंस्टिट्यूट आफ मैनेजमेंट लखनऊ, हाइजिया कॉलेज ऑफ फार्मेसी लखनऊ, हाइजिया इंस्टिट्यूट ऑफ फार्मेसी, सेंट्रल इंस्टिट्यूट ऑफ फार्मेसी, लखनऊ इंस्टिट्यूट ऑफ मैनेजमेंट ऐंड एजुकेशन, डॉ. ओम प्रकाश गुप्ता इंस्टिट्यूट ऑफ मैनेजमेंट ऐंड टेक्नॉलॉजी फर्रुखाबाद, डॉ. भीम राव आंबेडकर फाउंडेशन और जीविका कॉलेज ऑफ फार्मेसी हरदोई, आरपी इंटर कॉलेज, ज्ञानवती इंटर कॉलेज माधोगंज, जगदीश प्रसाद वर्मा उच्च माध्यमिक विद्यालय कचौना। ईडी के मुताबिक हाइजिया समूह के कॉलेजों का नियंत्रण और प्रबंधन आईएच जाफरी के जरिए किया जाता है। वहीं ओपी गुप्ता संस्थान का संचालन शिवम गुप्ता, एसएस संस्थान का संचालन प्रवीण कुमार चौहान और जीविका कालेज का संचालन राम गुप्ता के जरिए किया जाता है।