वॉशिंगटन: चीनी जासूसी गुब्बारे के अमेरिकी आसमान में पहुंचने पर बवाल मचा हुआ है। इस गुब्बारे के कारण अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने अपनी चीन यात्रा को रद्द कर दिया था। इस गुब्बारे में कई ऐसे सेंसर लगे हुए हैं, जो जमीन की गतिविधियों की जासूसी कर सकते हैं। इस गुब्बारे को अमेरिका के मोंटाना के ऊपर देखा गया, जहां अमेरिका के परमाणु मिसाइलों का जखीरा रखा हुआ है। हालांकि, चीन ने इसे जासूसी गुब्बारा मानने से इनकार कर दिया। इसके बावजूद बताया जा रहा है कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने इस जासूसी गुब्बारे को मार गिराने का फैसला किया था। लेकिन, बाद में अधिकारियों के समझाने पर उन्होंने अपना फैसला बदल दिया।
गुब्बारे के बारे में बाइडेन को मंगलवार को बताया गया
व्हाइट हाउस ने कहा कि राष्ट्रपति जो बाइडन को सबसे पहले मंगलवार को गुब्बारे के बारे में जानकारी दी गई। वहीं, विदेश विभाग ने कहा कि ब्लिंकन और उप विदेश मंत्री वेंडी शर्मन ने इस मामले के बारे में बुधवार शाम वाशिंगटन में मौजूद चीन के वरिष्ठ अधिकारी से बात की।
इस मुद्दे पर अमेरिका की तरफ से पहले सार्वजनिक बयान में पेंटागन के प्रेस सचिव ब्रिगेडियर जनरल पैट राइडर ने गुरुवार शाम कहा कि गुब्बारे से किसी तरह का खतरा नहीं है, जो एक स्वीकृति थी कि इसमें हथियार नहीं हैं। उन्होंने कहा कि गुब्बारे का पता चलने के बाद, अमेरिका सरकार ने संवेदनशील जानकारी को बचाने के लिए तुरंत कार्रवाई की।
अमेरिका के लिए कैसे खतरा है चीनी जासूसी गुब्बारा
बहरहाल, अमेरिकन एंटरप्राइज इंस्टिट्यूट के विजिटिंग फेलो सेवानिवृत्त सैन्य जनरल जॉन फेरारी का कहना है कि भले ही गुब्बारा हथियारों से लैस न हो, लेकिन यह अमेरिका के लिए जोखिम पैदा करता है। उन्होंने यह भी कहा कि हो सकता है कि चीन ने ”हमें यह दिखाने के लिए गुब्बारा भेजा हो कि वे ऐसा कर सकते हैं, और हो सकता है कि अगली बार उनके पास कोई हथियार हो। उन्होंने कहा कि इसलिए प्रतिरक्षा को लेकर अब ”हमें इस पर पैसा और समय खर्च करना होगा।
बाइडेन ने इसलिए बदला गुब्बारे को गिराने का फैसला
प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार, राष्ट्रपति बाइडन शुरू में गुब्बारे को गिराने की कार्रवाई चाहते थे। कुछ सांसदों की भी यही राय थी। लेकिन पेंटागन के शीर्ष अधिकारियों ने जमीन पर लोगों की सुरक्षा के लिए जोखिम के कारण बाइडन को इस कदम के खिलाफ सलाह दी और राष्ट्रपति ने सहमति व्यक्त की। दरअसल, बाइडेन नहीं चाहते थे कि उनके देश में द्वितीय विश्व युद्ध के समय की एक घटना दोहराई जाए। दरअसल, मई 1945 में जापान के बम ले जाने वाले हजारों हाइड्रोजन गुब्बारे में से एक के अमेरिका के ओरेगॉन में जमीन पर गिरने से छह लोगों की मौत हो गई थी।