नई दिल्ली: देश में जरनैल सिंह भिंडरावाले की चर्चा अचानक तेज हो गई है। खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह के साथ भिंडरावाले की तुलना हो रही है। अमृतपाल सिंह के कारण इन दिनों पंजाब सुर्खियों में है। उसके समर्थकों ने गुरुवार को पंजाब के अजनाला में पुलिस स्टेशन पर कब्जा कर लिया था। भिंडरावाले की मौत ऑपरेशन ब्लू स्टार में हुई थी। ज्यादातर लोग उसे आतंकी करार देते हैं। हालांकि, पूर्व केंद्रीय मंत्री सुब्रमण्यम स्वामी की राय अलग रही है। 2026 में सुब्रमण्यम स्वामी ने ऑपरेशन ब्लू स्टार को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की बड़ी गलती करार दिया था। उन्होंने कहा था कि दमदमी टकसाल का नेता जरनैल सिंह भिंडरावाले आतंकी नहीं था। स्वामी ने यह बात ऑपरेशन ब्लू स्टार की फाइल्स को डीक्लासिफाई करने की मांग करते हुए कही थी। स्वामी तब लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी में पहुंचे थे। छात्रों के एक ग्रुप को संबोधित करते हुए उन्होंने भिंडरावाले के बारे में कई बातें कहीं थीं। स्वामी ने कहा था कि वह मानते हैं कि भिंडरावाले उपदेशक थे। एक स्टूडेंट के सवाल पर स्वामी बोले थे कि भिंडरावाले ने सिख धर्म को प्रमोट किया। साथ ही युवा छात्रों को ड्रग्स से भी दूर रहने के लिए प्रेरित किया। भिंडरावाले से हुई थी स्वामी की मुलाकातहिंदुस्तान टाइम्स ने स्वामी के हवाले से एक रिपोर्ट पब्लिश की थी। इसमें स्वामी बोले थे कि ऑपरेशन ब्लू स्टार के समय भिंडरावाले की उम्र सिर्फ 35 साल थी। भिंडरावाले कुछ ज्यादा आक्रामक थे। धार्मिक उपदेश देते हुए यह आक्रामकता दिखने लगती थी। लेकिन, दूसरों को यह लगता था कि वह कट्टरपंथी हैं। कुछ लोग आतंकी तक पहुंच जाते हैं। ऑपरेशन ब्लूस्टार से पहले स्वामी की भिंडरावाले से मुलाकात हुई थी। अकाल तख्त में भिंडरावाले नियमित रूप से मीडिया को संबोधित करने के लिए बुलाता था। स्वामी ने सवाल करते हुए पूछा था कि भला कोई टेरेरिस्ट प्रेस कॉन्फ्रेंस क्यों बुलाएगा। ऑपरेशन ब्लू स्टार के बारे में किया था बड़ा दावा स्वामी ने दावा किया था कि तत्कालीन कम्युनिस्ट हरकिसन सिंह सुरजीत ने सोवियंत संघ (USSR) को संदेश दिया था कि अगर पंजाब में सिखमत लौटा तो राज्य से साम्यवाद का सफाया हो जाएगा। इसके आगे स्वामी ने कहा था कि भारत में सोवियत के राजदूत ने तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को ऑपरेशन के लिए कहा था। स्वामी ने कहा था कि वह हमेशा भिंडरावाले को टेरेरिस्ट कहने से मना करते रहे हैं। इसके कारण उनकी आलोचना भी होती रही है। वह इस वजह से चुनाव भी हारे। इस सच से सिर्फ फाइलों के डीक्लासिफेशन होने पर ही पर्दा उठेगा।