नई दिल्ली: बजट 2023 में को आकर्षक बनाया गया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इनकम टैक्स स्लैब और दरों में बदलाव किया है। कुछ डिडक्शंस का बेनिफिट भी मिलेगा। इसे इनकम टैक्सपेयर्स 1 अप्रैल, 2023 से क्लेम कर सकेंगे। नई इनकम टैक्स व्यवस्था का प्लस पॉइंट इसका आसान होना है। इसमें टैक्स की दरें पुरानी व्यवस्था के मुकाबले कम हैं। इसका नकारात्मक पक्ष यही है कि इसमें ज्यादातर डिडक्शन और एक्जेम्पशन का बेनिफिट नहीं है। अब तक लोगों का यही मानना था कि नई टैक्स व्यवस्था में सिर्फ का बेनिफिट उपलब्ध है। लेकिन, यह सच नहीं है। ऐसे कुछ और भी बेनिफिट हैं जिनके तहत फायदा मिलता है। यहां हमने आपको उन्हीं के बारे में बताया है। स्टैंडर्ड डिडक्शनयह डिडक्शन सिर्फ उन्हीं टैक्सपेयर्स के लिए उपलब्ध है जिनकी सैलरी से इनकम है। दूसरे शब्दों में कह सकते हैं नौकरीपेशा, पेंशनर्स और फैमिली पेंशनर्स को इसका फायदा मिल सकता है। जिन लोगों की सैलरी या पेंशन इनकम है वे 50 हजार रुपये स्टैंडर्ड डिडक्शन क्लेम कर सकते हैं। इम्प्लॉयर को बिना कोई डॉक्यूमेंट दिए यह डिडक्शन क्लेम किया जा सकता है। सैलरी पर इनकम टैक्स का कैलकुलेशन करते वक्त इम्प्लॉयर अपने आप स्टैंडर्ड डिडक्शन को ध्यान में रखता है। फैमिली पेंशनर के मामले में नई टैक्स व्यवस्था के तहत 15,000 रुपये का स्टैंडर्ड डिडक्शन उपलब्ध कराने का प्रस्ताव किया गया है। अब तक यह बेनिफिट पुरानी इनकम टैक्स व्यवस्था में उपलब्ध था। एनपीएस कॉन्ट्रिब्यूशन अगर आपका इम्प्लॉयर आपके एनपीएस अकाउंट में कॉन्ट्रिब्यूशन कर रहा है तो बतौर सैलरीड कर्मचारी आप डिडक्शन क्लेम करने के हकदार हैं। ग्रॉस इनकम से किए जाने वाले कॉन्ट्रिब्यूशन पर यह डिडक्शन मिलेगा। यह डिडक्शन इनकम टैक्स ऐक्ट के सेक्शन 80सीसीडी (2) के तहत क्लेम किया जा सकता है। इस सेक्शन के तहत एक कर्मचारी जो अधिकतम अमाउंट क्लेम कर सकता है, वह प्राइवेट और सरकारी कर्मचारी के मामले में अलग-अलग है। प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारी अपनी सैलरी के 10 फीसदी तक अधिकतम डिडक्शन क्लेम कर सकते हैं। वहीं, सरकारी कर्मचारी के मामले में सैलरी का 14 फीसदी तक अधिकतम डिडक्शन क्लेम करने की अनुमति है। अग्निवीर कॉरपस फंड में कॉन्ट्रिब्यूशनअग्निवीर कॉरपस फंड में जमा की गई रकम पर सेक्शन 80सीसीएच के तहत इनकम टैक्स छूट मिलेगी। यह इनकम टैक्स ऐक्ट का नया सेक्शन है। जमा की गई रकम को डिडक्शन के तौर पर क्लेम कर सकते हैं। अग्निवीर कॉरपस फंड से मैच्योरिटी पर मिलने वाली रकम भी टैक्स-फ्री होगी।