नई दिल्ली: पूर्वोत्तर के तीन राज्यों में हुए चुनावों के परिणाम आज घोषित होंगे। इनमें त्रिपुरा, मेघालय और नगालैंड शामिल हैं। वोटों की गिनती सुबह आठ बजे से शुरू होगी। तीनों राज्यों को मिलाकर कुल 178 सीटें हैं। इन सीटों पर 811 उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला होना है। ये चुनाव कई लिहाज से महत्वपूर्ण हैं। सबसे खास बात तो यह है कि 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले इनके नतीजे माहौल बनाएंगे। कई लोगों को पूर्वोत्तर के राज्यों का सियासी गुणा-गणित समझ में नहीं आता है। इस मुश्किल को हमने आसान किया है। रिजल्ट से पहले हम यहां आपको इन तीनों राज्यों की सियासत से जुड़े उन सभी सवालों के जवाब दे रहे हैं जिन्हें जानना आपके लिए जरूरी है। कब हुई तीनों राज्यों में वोटिंग? त्रिपुरा में 16 फरवरी को वोटिंग हुई थी। मेघालय और नगालैंड में 27 फरवरी को वोट पड़े थे। त्रिपुरा में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की सरकार है। मेघालय में नेशनल पीपुल्स पार्टी (NPP) सत्ता में है। नगालैंड में नॉर्थ ईस्ट डेमोक्रेटिक अलायंस (NEDA) की सरकार है। त्रिपुरा में क्या है पार्टियों का गणित? त्रिपुरा में 60 विधानसभा सीटें हैं। राज्य में बीजेपी और इंडिजिनस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (IPFT) का गठबंधन है। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने कांग्रेस के साथ मिलकर इलेक्शन लड़ा है। मैदान में तृणमूल कांग्रेस, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, रिवॉल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी, टिपरा मोथा पार्टी, ऑल इंडिया फॉर्वर्ड ब्लॉक और सीपीआई (एम-एल) भी हैं। मेघालय में क्या है कैलकुलेशन? मेघालय में विधानसभा सीटें तो 60 हैं। लेकिन, काउंटिंग 59 सीटों के लिए होगी। राज्य में पूर्व मंत्री और यूडीपी कैंडिडेट एचडीआर लिंगदोह के निधन की वजह से सोहिओंग सीट पर वोटिंग स्थगित कर दी गई थी। प्रदेश में नेशनल पीपुल्स पार्टी, बीजेपी और कांग्रेस के अलावा तृणमूल कांग्रेस, पीपुल्स डेमोक्रेटिक फ्रंट, हिल स्टेट पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी, गारो नेशनल काउंसिल, वॉयस ऑफ द पीपुल पार्टी सरीखे दल मैदान में हैं। नगालैंड की सियासत कैसे घूमती है? त्रिपुरा और मेघालय की तरह नगालैंड में भी 60 सीटें हैं। हालांकि, मतगणना 59 के लिए होगी। राज्य में अकुलुतो सीट से बीजेपी कैंडिडेट काजेतो किनिमी निर्विरोध जीते थे। लिहाजा, 59 सीटों पर ही वोटिंग हुई थी। यहां नेशनलिस्ट डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी (NDPP), बीजेपी, नगा पीपुल्स फ्रंट (NPF) के अलावा कांग्रेस, लोक जनशक्ति पार्टी (राम विलास), नैशनल पीपुल्स पार्टी (NPP), नैशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी (NCP), रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (अठावले), जेडीयू, आरजेडी और सीपीआई जैसी पार्टियों में टक्कर है। कहां कितनी वोटिंग हुई थी? तीनों ही राज्यों में मतदान प्रतिशत काफी अच्छा था। त्रिपुरा में 89.95 फीसदी, नगालैंड में 84 फीसदी और मेघालय में 76.27 फीसदी वोटिंग हुई थी। त्रिपुरा में किन कैंडिडेट पर रहेगी नजर? राज्य के प्रमुख उम्मीदवारों में सबसे पहला नाम सीएम माणिक साहा का है। उनके अलावा बीजेपी अध्यक्ष राजीव भट्टाचार्य, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष बिराजीत सिन्हा, उन्हीं की पार्टी के नेता सुदीप रॉय और टीएमसी नेता राजीव बनर्जी पर भी नजर होगी। साहा बोरडोवली सीट से मैदान में हैं। राजीव बनमालीपुर से किस्मत आजमा रहे हैं। मेघालय में किन उम्मीदवारों पर रहेगा फोकस? राज्य में सबसे अधिक फोकस सीएम कॉनराड संगमा पर होगा। अन्य प्रमुख कैंडिडेट की लिस्ट में टीएमसी नेता मुकुल संगमा, मेघालय कांग्रेस अध्यक्ष विंसेंट पाला, मेघालय स्पीकर और यूडीपी अध्यक्ष मेटबाह लिंगदोह, सीएम संगमा के भाई जेम्स संगमा, डिप्टी सीएम प्रेस्टोन तिनसोंग और मेघालय बीजेपी अध्यक्ष अर्नेस्ट मावरी शामिल हैं। नगालैंड के प्रमुख उम्मीदवार कौन हैं? राज्य के के प्रमुख कैंडिडेट की लिस्ट में पहला नाम सीएम नेफ्यू रियो का है। उनके अलावा डिप्टी सीएम यानथुंगो पैटन, नगालैंड बीजेपी अध्यक्ष तेमजेन इम्ना अलॉन्ग, बीजेपी नेता एम जैकब झिमोमी, कांग्रेस नेता सेइविली चाचू और अकावी एन झिमोमी, एनडीपीपी नेता और दो बार सीएम रह चुके टीआर जेलियांग, जेडीयू नेता जे लानू लोंगचर, एनडीपीपी नेता हेकनी जखालू की सीट पर नजर रहेगी।