चंडीगढ़: हरियाणा और पंजाब की राजधानी में 27 फरवरी को होने वाले सीनियर डेप्युटी मेयर और डेप्युटी मेयर चुनाव से पहले बीजेपी ने अपने पार्षदों को मोरनी एक रिजॉर्ट में शिफ्ट कर दिया। किसी भी तरह की बगावत को रोकने के लिए बीजेपी ने ये कदम उठाया है। दिलचस्प बात ये है कि शनिवार को बीजेपी पार्षद महेश इंदर सिंह सिद्धू की शादी थी। इस शादी में सिर्फ पार्टी के वरिष्ठ पार्षदों को ही विवाह समारोह में शामिल होने की अनुमति दी गई थी। शादी में शामिल होने के बाद उन्हें वापस मोरनी ले जाया गया।बता दें कि 30 जनवरी को चंडीगढ़ मेयर के लिए चुनाव हुआ था। इस चुनाव में बीजेपी के मनोज सोनकर को विजेता घोषित किया गया। मगर बीजेपी को उस समय झटका लगा जब सुप्रीम कोर्ट ने मेयर चुनाव के नतीजों को पलट दिया। सुप्रीम कोर्ट ने और आप-कांग्रेस गठबंधन के उम्मीदवार कुलदीप कुमार को विजेता घोषित कर दिया। आगामी पदों पर जीत सुनिश्चित करने के लिए अब बीजेपी नेतृत्व कोई भी जोखिम नहीं ले रहा है।पहले बीजेपी पार्षदों को पंचकूला में पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस और किसान भवन में ठहराया गया था। हालांकि यह देखा गया कि वे उनसे आसानी से संपर्क किया जा सकता है इसलिए उन्हें मोरनी में स्थानांतरित करने का निर्णय लिया गया। जहां मोबाइल सिग्नल भी काफी कम रहता है।बीजेपी के पार्षदों के टच में आप नेता!बीजेपी ने यह कदम इसलिए उठाया क्योंकि आप के वरिष्ठ नेता उनकी पार्टी से बीजेपी में शामिल हुए तीन पार्षदों से संपर्क करने की कोशिश कर रहे थे। आप ने उन्हें वापसी का मौका देते हुए कहा कि यह उनके लिए घर वापसी होगी। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार आप नेतृत्व ने भाजपा में शामिल होने वाले पार्षदों को बताया कि आप के भीतर उनकी संभावनाएं अभी भी काफी हैं। आम आदमी पार्टी ने बीजेपी पर बोला हमलालेक क्लब में महेश इंदर सिंह सिद्धू के विवाह समारोह के दौरान बीजेपी ने भी कांग्रेस पार्षद जसबीर बंटी को पार्टी में शामिल करने के लिए प्रयास किए है। बीजेपी ने उनसे कहा था कि कांग्रेस के साथ कोई भविष्य नहीं है। आप के एक वरिष्ठ नेता ने बीजेपी के इस कदम पर कहा कि ये अपने पार्षदों को देश से बाहर भी ले जा सकती है। उन्होंने पार्षदों को उनके परिवारों से दूर रखने के लिए बीजेपी की आलोचना करते हुए कहा कि घर पर आपात स्थिति आ सकती है और उन्हें अपने साथी पार्षद की शादी में शामिल होने की भी अनुमति नहीं दी गई।