नई दिल्ली: गर्मियों में सड़कों के किनारे व बाजारों में जगह-जगह वॉटर ट्रॉली पर बेचे जा रहे पानी की गुणवत्ता की जांच की गई है। एक साल के दौरान एमसीडी ने वॉटर ट्रॉली पर बिकने वाले पानी के 1743 नमूने लिए। जिसमें से 14 प्रतिशत पानी के नमूने फेल हो गए हैं। जिन वॉटर ट्रॉली के नमूने फेल पाए गाए, एमसीडी ने उन्हें जब्त कर लिया है।3000 लोगों के पास है ट्रॉली पर पानी बेचने का लाइसेंसएमसीडी अफसरों के अनुसार, ट्रॉली पर पीने का पानी बेचने के लिए 3000 लोगों को लाइसेंस दिया गया हैं। इसमे सेंट्रल, नजफगढ़, वेस्ट और साउथ जोन में 1173 जबकि केशवपुरम, करोल बाग, पहाड़गंज, रोहिणी, सिविल लाइंस और नरेला जोन में 1623 लोगों को लाइसेंस दिए गए हैं। 3000 में से बाकी लाइसेंस पूर्वी दिल्ली के शाहदरा (साउथ) व शाहदरा (नॉर्थ) जोन में कुछ वेंडरों को मिले हैं। जितने भी वेंडरों को ट्रॉली पर पीने का पानी बेचने के लिए लाइसेंस दिए गए हैं, उन्हें एमसीडी द्वारा स्थापित वॉटर प्लांट्स से पानी भरकर बेचना होता है, ताकि पानी की गुणवत्ता सुनिश्चित की जा सके।कुछ वेंडर कहीं से भी भर लेते हैं ट्रॉली में पानीएमसीडी अफसरों के अनुसार, गर्मियों में वॉटर ट्रॉली के पानी की डिमांड भी काफी अधिक होती है। ऐसे में कुछ ही घंटों में वॉटर ट्रॉली का पानी खत्म हो जाता है। कुछ वेंडर कहीं से भी ट्रॉली में पानी भर लेते हैं, जिसकी गुणवत्ता ठीक नहीं होती और वह पानी पीने से लोग बीमार भी हो सकते हैं। वॉटर ट्रॉली पर उपलब्ध पानी की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए एमसीडी ने एक टीम बनाई है। टीम ने पिछले साल मई से लेकर अब तक वॉटर ट्रॉलियों पर उपलब्ध पानी के 1743 नमूने लिए। जिसमें से 239 नमूने मानकों पर फेल पाए गए। 1504 नमूने ठीक थे।