चक्रवाती तूफान ‘मोचा’ का खतरा बढ़ता जा रहा है। मौसम विभाग के मुताबिक, चक्रवाती तूफान ‘मोचा’ 14 मई, यानी आज सुबह 5.30 बजे पर पूर्वोत्तर और आस-पास बंगाल की पूर्वी मध्य खाड़ी पर केंद्रित था। आज दोपहर के आसपास सितवे (म्यांमार) के करीब कॉक्स बाजार (बांग्लादेश) और क्यौकप्यू (म्यांमार) के बीच से गुजरने की संभावना है।इस बीच पश्चिम बंगाल में एनडीआरएफ ने चक्रवाती तूफान के तेज होने के मद्देनजर उत्तर 24-परगना की बांग्लादेश सीमा से लगे हिंगलगंज, हसनाबाद और संदेशखाली इलाकों में चेतावनी अभियान चलाया। साइक्लोन की चेतावनी के बाद बक्खाली बीच पर सिविल डिफेंस की टीमें तैनात। यह टीमें लोगों को सतर्क रहने और समुद्र तट और समुद्र के करीब के क्षेत्रों में आने से बचने के लिए कह रही हैं।चक्रवात ‘मोचा’ के गंभीर तूफान में बदलने की चेतावनी के बाद एनडीआरएफ ने पश्चिम बंगाल के दीघा में 8 टीमों और 200 बचावकर्मियों को तैनात किया है। एनडीआरएफ के अधिकारियों ने पहले कहा था कि हमने 8 टीमों को तैनात किया है। एनडीआरएफ के 200 बचाव दल जमीन पर तैनात हैं।चक्रवाती तूफान ‘मोचा’ की वजह से कई राज्यों में तेज हवाएं और बारिश होने के आसार हैं। तूफान के असर से आंध्र प्रदेश, बिहार, पंजाब, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, केरल, कर्नाटक के दक्षिणी भाग, तमिलनाडु, पुडुचेरी, कराईकल, असम, अरुणाचल प्रदेश और मेघालय के कई इलाकों में भारी बारिश होने की संभावना है।चक्रवाती तूफान के बांग्लादेश की ओर बढ़ने पर प्राधिकारियों ने शनिवार को दक्षिण-पूर्वी समुद्र तट से लगभग पांच लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का एक बड़ा अभियान शुरू किया। तूफान से रोहिंग्या शरणार्थी शिविर को खतरा उत्पन्न होने की आशंका है। करीब दो दशकों में बांग्लादेश में आए सबसे शक्तिशाली चक्रवातों में से ‘मोचा’ एक है, जिसके बांग्लादेश-म्यांमा सीमा के पास दस्तक देने का पूर्वानुमान जताया गया है।