रांची: इंग्लैंड की टीम भारत दौरे पर आई तो हर तरफ बैजबॉल की चर्चा था। टेस्ट में ताबड़तोड़ खेल दिखा रही ब्रेंडन मैकुलम की कोचिंग वाली टीम पहली परीक्षा में पास भी हो गई। 190 से पहले पारी में पिछड़ने के बाद इंग्लैंड ने टेस्ट को जीत लिया। लेकिन चमत्कार बार-बार नहीं होता। अगले दो टेस्ट में इंग्लैंड को करारी हार मिली। टेस्ट में उल्टे-सीधे शॉर्ट खेलने के लिए इंग्लैंड की खूब आलोचना की गई। रूट को मिला बैजबॉल छोड़ने का फायदाइंग्लैंड ने चौथे टेस्ट में सामान्य शुरुआत की। हालांकि जैक क्राउली ने गियर बदलने की कोशिश की। लेकिन बैक टू बैक विकेट गिरने से इंग्लैंड बैकफुट पर आ गया। तेज रन बनाने की कोशिश में जॉनी बेयरस्टो भी आउट हो गए। पहले सेशन में 5 विकेट खोने के बाद इंग्लैंड की टीम पारंपरिक तरीके के बैटिंग करने का फैसला किया। इसका उन्हें तुरंत फायदा भी मिला। दिन के दूसरे सेशन में इंग्लैंड का कोई विकेट नहीं गिरा। यह सीरीज में पहली बार हुआ था। सीरीज के पहले तीन टेस्ट में सिर्फ 77 रन बनाने वाले ने शतक ठोक दिया। जसप्रीत बुमराह जैसे गेंदबाज के खिलाफ रिवर्स स्कूप की कोशिश कर चुके रूट ने 219 गेंदों पर अपना शतक पूरा किया। यह बैजबॉल एरा में इंग्लैंड की तरफ से सबसे धीमा शतक हैै। रूट के 254 पारियों के टेस्ट करियर का यह तीसरा सबसे धीमा शतक है। भारत को विकेट के लिए करनी पड़ी मेहनतबैजबॉल छोड़ने का फायदा हुआ कि इंग्लैंड की टीम ने दो सेशन में 200 से भी कम रन बनाए लेकिन उनके सिर्फ दो ही विकेट गिरे। भारत के एक-एक विकेट के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ी। बैजबॉल स्टाइल में खेलकर जहां अंग्रेज विकेट फेंक रहे थे वहीं पारंपरिक टेस्ट स्टाइल में भारतीय गेंदबाजों के विकेट के लिए पसीना बहाना पड़ा। माइकल वॉन ने बताया सेंसबॉलजो रूट की बैटिंग इंग्लैंड के पूर्व कप्तान माइकल वॉन को भी काफी पसंद आई है। उन्होंने राजकोट में हार के बाद इंग्लैंड को जमकर कोसा था। जो रूट और बेन फोक्स की बैटिंग पर उन्होंने ट्वीट किया- देखने में अच्छा लगा।