बाबरी, ज्ञानवापी, संभल, अब अजमेर शरीफ दरगाह… भड़के मीरवाइज उमर फारूख

श्रीनगर : हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष मीरवाइज उमर फारूक ने धार्मिक स्थलों के सर्वेक्षण संबंधी अदालतों के हालिया आदेशों पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने मुस्लिम विरासत तथा उनके अधिकारों की सुरक्षा की मांग की। यहां जामिया मस्जिद में शुक्रवार को आयोजित सभा को संबोधित करते हुए कश्मीर के मीरवाइज (मुख्य धर्मगुरु) फारूक ने उत्तर प्रदेश के संभल में मुगलकालीन शाही जामा मस्जिद के सर्वेक्षण के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान हुई झड़पों में चार युवकों की मौत की भी निंदा की।मीरवाइज ने कहा कि भेदभावपूर्ण पुलिस कार्रवाई में इन युवाओं की मौत अत्यंत दुखद और निंदनीय है। मीरवाइज ने कहा कि राजस्थान में अजमेर की एक अदालत ने दरगाह के सर्वेक्षण का आदेश दिया है।कोर्ट के नोटिस पर सवालदरअसल अजमेर की एक स्थानीय अदालत ने इस मामले में नोटिस जारी किया है। मामला दरगाह के स्थान पर पूर्व में मंदिर होने संबंधी याचिका से जुड़ा है। कोर्ट ने दरगाह समिति, अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण को यह नोटिस दिया है। ‘मस्जिद सर्वे बन रहा चलन’मीरवाइज ने कहा, ‘इससे पहले अदालत के आदेश पर ज्ञानवापी मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया था। ऐसा लगता है कि यह एक प्रकार का चलन बन रहा है कि पहले संदेह जताया जाता है, फिर अदालत सर्वेक्षण का आदेश देती है और फिर बहुसंख्यकों के दावों को संतुष्ट किया जाता है।’ उन्होंने कहा, ‘बाबरी मस्जिद का मुद्दा… मुसलमानों के दिमाग में ताजा है।”दुनिया के मुसलमानों को परेशान करने वाला’हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष ने कहा, ‘यह न केवल भारत और कश्मीर बल्कि उपमहाद्वीप और विश्व भर के मुसलमानों के लिए अत्यंत परेशान करने वाला और गंभीर मुद्दा है।’ उन्होंने कहा, ‘यदि संविधान की प्रस्तावना के अनुसार भारत पंथ निरपेक्ष देश है तथा संविधान से संचालित है जिसमें पूजा स्थल अधिनियम भी आता है तो फिर ऐसे मुद्दों को लगातार क्यों उठाया जा रहा है?’वक्फ (संशोधन) विधेयक के बारे में उन्होंने कहा कि यह मुसलमानों के लिए चिंताजनक मामला है। उन्होंने कहा कि मुत्तहिदा मजलिस-ए-उलेमा (धार्मिक संगठनों का एक समूह) ने इस मुद्दे पर गौर कर रही संयुक्त संसदीय समिति के अध्यक्ष जगदम्बिका पाल को एक पत्र भेजकर उनसे मुलाकात का वक्त मांगा है।