उनके पराक्रम से आज भी तड़पने को मजबूर है ‘औरंगजेब’… पुणे में सीएम योगी ने छत्रपति शिवाजी को किया याद

पुणे: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रविवार को महाराष्ट्र के पुणे पहुंचे। वो पुणे के आलंदी में ‘श्री गीता भक्ति’ अमृत महोत्सव कार्यक्रम में शामिल हुए। इस दौरान जनता को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र भक्ति और शक्ति की भूमि रही है। यहीं गुरु समर्थ रामदास ने वीर छत्रपति शिवाजी का मार्गदर्शन किया। जब-जब भक्ति और शक्ति का अद्भुत मिलन होता है, गुलामी की दासता से मुक्ति मिलती है और 500 वर्ष की गुलामी की दासता से मुक्त होकर आज अयोध्या में प्रभु श्रीराम का भव्य मंदिर बन चुका है। संतों के सानिध्य और प्रधानमंत्री मोदी के पुरुषार्थ से 22 जनवरी की ऐतिहासिक तिथि के हम सब साक्षी बने हैं। नव्य और भव्य अयोध्या आप सभी को आमंत्रित कर रही है। । साधु-संतों ने किया योगी आदित्यनाथ का स्वागत इससे पहले योगी आदित्यनाथ का यहां देशभर से पधारे साधु-संतों ने जोरदार स्वागत किया और उन्हें श्रीराममंदिर निर्माण का नायक बताते हुए उनका अभिनंदन किया। वहीं योगी आदित्यनाथ ने स्वामी गोविंद देव गिरि को अंगवस्त्र और गणेश जी की प्रतिमा भेंटकर उनका सम्मान किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने स्वामी गोविंद देव गिरी के जीवन पर आधारित स्मारिका का विमोचन भी किया। वहीं कांची कामकोटि पीठ के शंकराचार्य विजयेन्द्र सरस्वती ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को अंगवस्त्र पहनाकर तथा प्रसाद प्रदानकर उनका विशेष रूप से सम्मान किया। गोविंद देव गिरि के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करने का है ये अवसर: योगी श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के कोषाध्यक्ष स्वामी गोविंद देव गिरि जी महाराज की 75वीं जयंती पर आयोजित कार्यक्रम में बोलते हुए योगी आदित्यनाथ ने उन्हें अपनी शुभकामनाएं दीं। सीएम योगी ने कहा कि विगत 75 साल से वैदिक सनातन धर्म के लिए अपने पुरुषार्थ, अपनी साधना और अपने परिश्रम से पूज्य स्वामी गोविंद देव गिरी महाराज ने जो कार्य किया, जो आशीर्वाद सनातन हिन्दू धर्मावलम्बियों को दिया है, ये अवसर उनके प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने का है। पूज्य ज्ञानेश्वर जी महाराज से यही प्रार्थना है कि स्वामी गोविंद देव गिरि महाराज का सानिध्य हिन्दू समाज को लंबे समय तक मिलता रहे। बचपन में पढ़ी थी ज्ञानेश्वरी तभी से थी आलंदी आने की इच्छा: योगी योगी आदित्यनाथ ने कहा कि लंबे समय से उनके मन में आलंदी आने की इच्छा थी। इस अवसर पर यहां आने का सौभाग्य उन्हें प्राप्त हुआ है। योगी ने बताया कि बचपन में उन्होंने ज्ञानेश्वरी पढ़ी थी। मात्र 15 साल की आयु में ज्ञानेश्वरी का उपदेश देकर भक्तों को नई राह दिखाने का कार्य पूज्य ज्ञानेश्वर जी महाराज ने किया। मात्र 21 साल में संजीव समाधि लेकर भारत के आध्यात्म को पूरे भूमंडल पर लहराने का कार्य पूज्य ज्ञानेश्वर जी महाराज ने किया था। उत्साह और शौर्य की धरती है महाराष्ट्र: योगी योगी आदित्यनाथ ने कहा कि महाराष्ट्र वाले बहुत ही सौभाग्यशाली हैं। यहां की भक्ति से उपजी शक्ति दुश्मनों के दांत खट्टे करती रही है। समर्थगुरू रामदास जी ने छत्रपति शिवाजी को यहीं से मार्गदर्शन प्रदान किया था। उस कालखंड में औरंगजेब की सत्ता को चुनौती देते हुए उसे तड़पने और मरने के लिए ऐसा छोड़ा कि आजतक उसे कोई पूछ नहीं रहा। यह उत्साह और शौर्य की धरती है, क्योंकि ये पूज्य संतों की भूमि है। यहां के भक्तों ने पूज्य संतों के सम्मान को ऊंचाई तक पहुंचाया है। इसी का परिणाम है कि शक्ति भी उनके साथ-साथ चलती है।