अतीक अहमद के बेटे ने बनाई फिल्मी कहानी, मर्डर केस में नाम आने से बचने की यूं रची साजिश

प्रयागराज: उमेश पाल मर्डर केस इस समय चाचा के केंद्र में बना हुआ है। हत्यारों की खोज के लिए यूपी पुलिस और एसआईटी की टीम लगातार छापेमारी कर रही है। वहीं, इस मामले में मुख्य भूमिका निभाने वाले माफिया डॉन अतीक अहमद के बेटे असद अहमद को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। दावा किया जा रहा है कि अतीक अहमद के बेटे को बचाने के लिए पहले ही साजिश रची गई थी। सूत्रों के हवाले से आ रही सूचना के मुताबिक, असद अहमद के फोन को लखनऊ में रखा गया था। उमेश पाल और उनके दो गनरों की हत्या के दौरान लखनऊ में असद के एटीएम से पैसे निकाले गए थे। यह सारी कवायद असद अहमद को विधायक राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह उमेश पाल की हत्या के आरोप से बचाने की थी।उमेश पाल और उनके दो गनरों की हत्या के मामले में अतीक अहमद के बेटे असद को गोली चलाते हुए सीसीटीवी कैमरे में रिकॉर्ड किया गया है। हत्याकांड के 15 दिन बाद खुलासा हुआ है कि असद कि इस मामले में संलिप्तता से बचाने की साजिश रची गई थी। पुलिस सूत्रों का कहना है कि हत्याकांड के दौरान मोबाइल का लोकेशन लखनऊ में दिखाकर असद को बचाने की तैयारी थी। वारदात के समय लखनऊ में असद के एटीएम से पैसे भी निकाले गए थे। इस मामले में कहा जा रहा है कि असद ने जानबूझकर अपना मोबाइल फोन लखनऊ में छोड़ा था। लखनऊ के महानगर इलाके में यूनिवर्सल अपार्टमेंट में असद अहमद का फ्लैट है। हत्याकांड की वारदात के बाद असद अहमद के फ्लैट पर छापेमारी भी हुई थी। इस दौरान उनके सामान को जब्त किया गया था।असद को पाक-साफ दिखाने की कोशिशपुलिस सूत्रों का कहना है कि मोबाइल फोन का लोकेशन और एटीएम कार्ड के इस्तेमाल के जरिए असद के घटनाक्रम में शामिल न होने की प्लानिंग की गई थी। असद के घटना के दौरान प्रयागराज में नहीं, लखनऊ में रहने की बात को स्थापित किए जाने की साजिश रची गई। असद की बुआ आयशा नूरी ने एक टीवी चैनल से बातचीत के दौरान घटना के वक्त उसके लखनऊ में रहने की बात भी कही थी। असद के एटीएम कार्ड के इस्तेमाल की आशंका उसके किसी करीबी से लखनऊ में कराए जाने की बात भी कही जा रही है। जांच टीमों को गुमराह करने के लिए इस प्रकार की साजिश रचे जाने की आशंका है। लखनऊ के यूनिवर्सल अपार्टमेंट में छापेमारी के दौरान असद का आईफोन बरामद किया गया था।सीसीटीवी में दिखा है असद का चेहराअसद अहमद का चेहरा प्रयागराज हत्याकांड के बाद कई सीसीटीवी फुटेज में देखा गया। असद ने क्रेटा कार से उतरने के बाद बिना चेहरा छुपाए लोडेड पिस्टल से फायरिंग शुरू कर दी थी। उमेश पाल को दौड़ाते हुए गली में घुसकर उसने गोली मारी। इस बारे में यह भी कहा गया कि विजय उर्फ उस्मान चौधरी के लड़खड़ाने के बाद असद ने मोर्चा संभाला था। दरअसल, विजय उमेश पाल की गाड़ी के आगे से फायरिंग कर रहा था। लेकिन, गाड़ी रुकने के बाद वह लड़खड़ा गया। इसके बाद पीछे से क्रेटा कार पर सवार होकर आ रहे असद ने गैंग के अन्य साथियों के साथ उमेश पाल पर धावा बोला। इस दौरान गुड्डू मुस्लिम लगातार झोले से बम निकालकर बरसा रहा था।