पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने सोमवार को आरोप लगाया कि गैंगस्टर से नेता बने अतीक अहमद और उसके भाई की हत्या उत्तर प्रदेश में व्याप्त ‘जंगलराज’ की ओर इशारा करती है।
महबूबा ने यह भी आरोप लगाया कि पुलवामा हमले के बारे में जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक द्वारा किए गए ‘खुलासों’ से लोगों का ध्यान हटाने की यह ‘चतुराई पूर्ण राजनीति’ है।
उन्होंने यहां पार्टी के एक कार्यक्रम से इतर संवाददाताओं से कहा, “अहमद कोई फरिश्ता नहीं था। वह एक आरोपी था। लेकिन जिस तरह से उसे उत्तर प्रदेश में मारा गया, उससे लगता है कि वहां जंगलराज कायम है।”
महबूबा ने कहा कि अहमद ने उच्चतम न्यायालय से अनुरोध किया था कि उसे सुरक्षा दी जानी चाहिए क्योंकि उसकी जान को खतरा है।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, “उच्चतम न्यायालय ने भी हस्तक्षेप नहीं किया। फिर कोई कहां जाएगा (मदद लेने के लिए)।” उन्होंने दावा किया कि घटना अचानक नहीं घटी, बल्कि पूर्व नियोजित थी।
महबूबा ने कहा कि सत्यपाल मलिक द्वारा लगाए गए आरोपों से ध्यान हटाने के लिए यह ‘बड़ा घोटाला’ किया गया है।
मलिक ने एक समाचार पोर्टल को दिए साक्षात्कार में दावा किया कि सुरक्षा प्रोटोकॉल में कमियां होने के कारण फरवरी 2019 में पुलवामा में हमला हुआ, जिसमें सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे।
अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की शनिवार रात तीन लोगों ने उस वक्त गोली मार दी थी, जब वे पुलिस द्वारा चिकित्सा जांच के लिए प्रयागराज के एक मेडिकल कॉलेज में ले जाये जाते समय पत्रकारों के सवालों का जवाब दे रहे थे।