चांद पर अपने पूरे ‘परिवार’ को ले गया था अंतरिक्ष यात्री? आज किस हालत में है चंद्रमा पर

वॉशिंगटन: भारत चांद पर पहुंचने वाला चौथा देश बन गया है। इसके अलावा चंद्रयान-3 मिशन के जरिए भारत दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाला पहला देश बना। भारत इंसानों को चांद पर पहुंचा पाएगा या नहीं लेकिन आज से 5 दशक पहले चांद पर इंसान जा चुके हैं। चांद पर सबसे पहले पहुंचने वाले अंतरिक्ष यात्री नील आर्मस्ट्रॉन्ग थे। लेकिन क्या आपको पता है कि चांद पर एक पूरा परिवार भी जा चुका है। यह परिवार है अंतरिक्ष यात्री चार्ली ड्यूक का, जिन्होंने अपोलो 16 मिशन के जरिए 20 अप्रैल को चांद पर कदम रखा था।जिस समय चार्ली ड्यूक चांद पर गए थे, तब उनकी उम्र 36 साल थी। वह चांद पर जाने वाले सबसे युवा व्यक्ति थे। लेकिन उनकी सिर्फ कामयाबी यहीं तक नहीं रही। वह चांद पर अपने परिवार को भी लेकर गए। लेकिन सच में नहीं बल्कि वह अपने परिवार की फोटो वहां ले गए, जो आज भी चांद की सतह पर पड़ी है। इस तस्वीर के पीछे चार्ली ने लिखा था, ‘यह तस्वीर पृथ्वी से आए अंतरिक्ष यात्री चार्ली ड्यूक के परिवार की है, जो चांद पर 20 अप्रैल 1972 को गए।’क्यों छोड़ी तस्वीरइस तस्वीर में सबसे बाईं ओर उनका बड़ा बेटा चार्ल्स ड्यूक- III है जो तब सात साल का था। सामने लाल रंग में उनका छोटा बेटा थॉमस ड्यूक है जो तब पांच साल का था। इसके अलावा फोटो में ड्यूक और उनकी पत्नी डोरोथी मीड क्लेबोर्न हैं। उन्होंने कहा कि हमेशा से उनका प्लान था कि चांद की सतह पर तस्वीर छोड़ी जाए। उन्होंने कहा कि मैं इस तस्वीर को गिरा कर बच्चों को यह दिखाना चाहता था कि मैं चांद पर पहुंचा हूं और मैंने वहां कुछ छोड़ा है।तस्वीर लेकर गए चार्ली ड्यूकअपोलो मिशन के लिए ट्रेनिंग के दौरान ड्यूक अपने परिवार से दूर थे। ड्यूक ने कहा कि बच्चे मेरे काम को लेकर बेहद रोमांचित थे। वह मुझसे पूछते थे कि मैं क्या कर रहा हूं, तब मैं उन्हें बताता था कि हम चांद पर जाने वाले हैं। ड्यूक ने कहा कि तब उन्हें ख्याल आया कि वह एक तस्वीर के जरिए अपने परिवार के साथ चांद पर पहुंच सकते हैं। चांद पर गए उन्हें 50 साल से भी ज्यादा हो चुके हैं। लेकिन उनकी तस्वीर आज भी सतह पर पड़ी है। हालांकि ड्यूक मानते हैं कि चांद के भयानक तापमान के कारण अब उनकी तस्वीर सुरक्षित नहीं होगी।