दिल्ली में मॉनसून दस्तक देने लगा है। इसी बीच दिल्ली में स्थित पुराना किला में जारी काम पर बारिश के कारण खलल पड़ गया है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की लापरवाही के कारण पुराना किला में 2,500 वर्षों से अधिक की ऐतिहासिक विरासत के उत्खनन अवशेषों की रक्षा नहीं हो सकी है। बारिश के पानी में भिगकर पुराना किला में ऐतिहासिक विरासत क्षतिग्रस्त हो गई है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने इस ऐतिहासिक जगह की सुरक्षा के लिए बारिश से बचाव के तौर पर तिरपाल जैसे मामूली बचाव उपाय का उपयोग किया था। इसका परिणाम ये रहा कि तिरपाल बारिश को सह नहीं सका और गिर गया, जिससे साइट को काफी नुकसान पहुंचा है। साइट पर उपलब्ध संरचनाओं को बारिश के पानी से व्यापक क्षति हुई है। सूत्रों के अनुसार, तिरपाल जैसी अस्थायी व्यवस्था खुदाई स्थलों की सुरक्षा करने में विफल रही और कई अवशेष क्षतिग्रस्त हो गए। सूत्रों के अनुसार, तिरपाल जैसी अस्थायी व्यवस्था खुदाई स्थलों की सुरक्षा करने में विफल रही और कई अवशेष क्षतिग्रस्त हो गए। इस साइट पर कुषाण काल की कच्ची ईंटें थी, जो कि बारिश के पानी के संपर्क में आने से पानी में घुल गई थीं। हालांकि एएसआई की तरफ से जानकारी दी गई है कि इस मामले में सभी जरुरी कदम उठाए जा रहे हैं ताकि साइट को बारिश से बचाया जा सके और इसे बारिश से कोई नुकसान ना हो। मंत्री ने की थी घोषणाबता दें कि केंद्रीय संस्कृति मंत्री जी किशन रेड्डी ने इन स्थलों की सुरक्षा के बारे में हालिया घोषणा की थी। बीते 30 मई को केंद्रीय मंत्री ने कहा था, “उत्खनित अवशेषों को संरक्षित किया जाएगा और एक शेड प्रदान किया जाएगा। साइट को एक ओपन-एयर साइट संग्रहालय के रूप में प्रदर्शित किया जाएगा, जिससे आगंतुक दिल्ली की ऐतिहासिक विरासत का अनुभव कर सकेंगे।” जी20 का केंद्र आकर्षण होगा पुराना किलाबता दें कि जी20 सम्मेलन को लेकर एएसआई के अधिकारियों ने दावा किया था कि इस आयोजन में पुराना किला मुख्य आकर्षण का केंद्र होगा। पुराना किला में हुई खुदाई में मिले अवशेष पर्यटकों को आकर्षित करेंगे। हालाँकि, साइट पर मौसम से बचने के उद्देश्य से कोई खास सुरक्षा प्रदान नहीं की गई है, जिस कारण साइट को नुकसान हो गया।