‘कमल’ संभालने की तैयारी करने वाले अशोक चव्हाण कौन? BJP नेता मंत्री पद के विरोध में, क्या है समाधान?

मुंबई: लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस को झटका देते हुए महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चह्वाण ने सोमवार को पार्टी से इस्तीफा दे दिया। ऐसी अटकलें हैं कि वह भारतीय जनता पार्टी (BJP) में शामिल हो सकते हैं। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले को लिखे एक पत्र में चह्वाण ने कहा कि वह पार्टी छोड़ रहे हैं। उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर को भी विधायक के रूप में अपना इस्तीफा सौंपा। चह्वाण के कांग्रेस छोड़ने से कुछ दिन पहले महाराष्ट्र कांग्रेस के वरिष्ठ नेता बाबा सिद्दीकी और मिलिंद देवड़ा ने भी पार्टी छोड़ी दी थी।BJP में जाने की संभावना के बीच कैसा विरोध पूर्व मुख्यमंत्री के बीजेपी में शामिल होने की संभावना है। इसको लेकर महाराष्ट्र में राजनीतिक घटनाक्रम ने गति पकड़ ली है। चव्हाण नांदेड़ के भोकर विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं। इस बीच पता चला है कि बीजेपी नेता अशोक चव्हाण को महाराष्ट्र राज्य सरकार के मंत्रिमंडल में मंत्री पद दिए जाने के खिलाफ हैं। इसलिए संभावना है कि अशोक चव्हाण को आगामी राज्यसभा चुनाव के लिए टिकट दिया जाएगा। उधर, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले तुरंत दिल्ली के लिए रवाना हो गए हैं। इसलिए चव्हाण के इस्तीफे पर सीधे तौर पर मुहर लग गई है।कौन हैं अशोक चव्हाण?अशोक चव्हाण मराठावाड़ा में नांदेड क्षेत्र से आते हैं। उनके पिता दिवंगत शंकरराव चव्हाण भी महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री थे। अशोक चव्हाण 8 दिसंबर 2008 से 11 नवंबर 2010 तक लगभग दो सालों तक महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री रहे। 2008 में मुंबई पर 26/11 हमले के बाद विलासराव देशमुख के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद चव्हाण मुख्यमंत्री बने। उन्होंने संस्कृति, उद्योग और खनन मंत्री के रूप में भी काम किया है। अशोक चव्हाण का राजनीतिक करियर2009 के विधानसभा चुनाव में अशोक चव्हाण विधायक चुने गए। साथ ही कांग्रेस की महाराष्ट्र प्रदेश कमेटी ने उन्हें एक बार फिर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी दी। इस तरह चव्हाण लगातार दूसरी बार मुख्यमंत्री बने। इससे पहले विलासराव देशमुख लगातार दो बार कांग्रेस पार्टी से निर्वाचित हुए थे। आदर्श हाउसिंग सोसाइटी हंगामे के बाद दिया था इस्तीफा2010 में कारगिल शहीदों के उत्तराधिकारियों के लिए मुंबई में बनाई गई इमारत आदर्श हाउसिंग सोसाइटी में रिश्तेदारों को घर देने को लेकर काफी हंगामा हुआ था। हंगामे के बाद अशोक चव्हाण को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के लिए मजबूर होना पड़ा था। वह 2014-19 तक प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भी रहे।