पटना . महागठबंधन में रहकर बिहार में सरकार चला रहे बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी की खूब तारीफ की है। इस तारीफ के दो मायने निकाले जा रहे हैं, पहला तो यह कि क्या वह लालू प्रसाद यादव के पुत्र प्रेम को कंट्रोल में रखना चाहते हैं, दूसरा यह कि क्या वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीर चला रहे हैं।
25 दिसंबर 2022 को बिहार के मुख्यमंत्री और महागठबंधन के नेता नीतीश कुमार ने देश के पूर्व प्रधानमंत्री दिवंगत अटल बिहारी वाजपेयी की आदमकद प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उनके कार्यकाल की तारीफ की। बिहार में महागठबंधन सरकार के गठन के बाद पहली बार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के मुंह से किसी बीजेपी नेता के लिए तारीफ के बोल सुनकर महागठबंधन में शामिल घटक दल भी हैरान रह गए। राष्ट्रीय जनता दल (RJD) और कांग्रेस के साथ मिलकर बिहार में सरकार चला रहे नीतीश कुमार ने ऐलान कर दिया है कि 2024 में वह केंद्र की सत्ता से बीजेपी को हटाकर ही दम लेंगे।
अटल बिहारी वाजपेयी को लेकर क्या कहा था नीतीश कुमार ने
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बीजेपी से अलग होने के बावजूद देश के पूर्व प्रधानमंत्री दिवंगत अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती पर मौके पर उन्हें याद किया। नीतीश कुमार ने इस मौके पर कहा कि श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी के साथ काम करने का मौका मिला यह मेरे लिए गर्व की बात है। नीतीश कुमार ने यह भी कहा कि अटल जी ने उन्हें तीन विभाग दिए और उनपर भरोसा जताया था।
नीतीश कुमार ने कहा कि वह उन्हें बहुत मानते थे। वह उनसे सारा काम बहुत प्रेम से करवाते थे। सीएम नीतीश कुमार ने कहा था कि स्व. अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल के दौरान उन्होंने बहुत काम किया और वह हर काम बहुत प्रेम भाव से करवाया करते थे। इसलिए हम उन्हें इस जीवन में भूल नहीं सकते। तो क्या यह माना जाये कि नीतीश कुमार मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कामकाज पर सवाल उठा रहे हैं? क्या नीतीश कुमार ने इशारों में यह कहने की कोशिश की है कि वर्तमान नरेंद्र मोदी सरकार उनपर भरोसा नहीं करती?
नीतीश कुछ भी कर लें अब नहीं होगी बीजेपी में वापसी
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की ओर से बीजेपी के नेता और देश के पूर्व प्रधानमंत्री दिवंगत अटल बिहारी बाजपेयी की तारीफ किए जाने पर बीजेपी का कहना है कि अटल जी का पूरा देश सम्मान करता है। बीजेपी के पूर्व विधायक और प्रदेश प्रवक्ता प्रेम रंजन पटेल ने कहा कि जो नीतीश कुमार अटल जी की तारीफ कर रहे हैं असल में वह तो वाजपेयी जी को धोखा दे रहे हैं। क्योंकि अटल जी ने कभी भी न तो भ्रष्टाचारियों के साथ हाथ मिलाया न ही तुष्टिकरण की राजनीति की। लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने तुष्टिकरण की राजनीति कर बिहार को गर्त में धकेल दिया। राष्ट्रीय जनता दल के लालू प्रसाद यादव जो कि चारा घोटाला मामले में सजायाफ्ता है उनके साथ मिलकर नीतीश कुमार ने एक नहीं दो दो बार सरकार बनाकर मुख्यमंत्री के पद पर आसीन हुए। बीजेपी प्रवक्ता प्रेम रंजन पटेल ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार खुद को जेपी, लोहिया और कर्पूरी का अनुयायी बताते हुए उनकी राह पर चलने की बात कहते हैं। लेकिन कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल जैसे राजनीतिक पार्टियों के साथ गठबंधन कर नीतीश कुमार ने जेपी, लोहिया और कर्पूरी के विचारों को तार-तार कर दिया। बीजेपी प्रवक्ता ने कहा कि जो व्यक्ति जेपी कर्पूरी और लोहिया जैसे व्यक्तित्व को धोखा दे सकता है वह अटल बिहारी वाजपेयी की तारीफ बिना किसी मकसद को पूरा करने के लिए कैसे कर सकता है।
बीजेपी प्रवक्ता ने कहा कि निश्चित तौर पर नीतीश कुमार का महागठबंधन में अब दम घुटने लगा है, लिहाजा वह अपने गठबंधन की तलाश में जुटे हुए हैं। प्रेम रंजन पटेल ने कहा कि नीतीश कुमार अब चाहे जो कुछ भी कर लो एनडीए में उनकी वापसी संभव नहीं है। हालांकि बीजेपी प्रवक्ता ने कहा कि जनता दल यूनाइटेड (JDU) की एंट्री एनडीए में हो सकती है बशर्ते की नीतीश कुमार पार्टी से बाहर रहे।
अटल के पथ पर नहीं चल रही है बीजेपी : JDU
बीजेपी प्रवक्ता के बयान को आड़े हाथों लेते हुए जनता दल यूनाइटेड (JDU) के प्रदेश प्रवक्ता अभिषेक झा ने कहा कि वर्तमान में भारतीय जनता पार्टी (BJP) का वर्जन बिल्कुल अलग है। मोदी के नेतृत्व में चलने वाली सरकार में अटल बिहारी वाजपेयी, मुरली मनोहर जोशी और लालकृष्ण आडवाणी कि पूछ नहीं है। बीजेपी सिर्फ इन नेताओं के नाम का इस्तेमाल कर फायदा उठा रही है। और वर्तमान सरकार समाज में विद्वेष पैदा कर देश का माहौल खराब कर रही है।
झा ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को विकास पुरुष इसलिए कहा जाता है कि वह सबको साथ लेकर चलते हैं। जेडीयू प्रवक्ता ने कहा कि आने वाले 2024 से 2025 के चुनाव में जनता बीजेपी को सबक सिखाएगी। खुद नीतीश कुमार कह चुके हैं कि वह बीजेपी के साथ कभी नहीं जाएंगे और 2024 में केंद्र की सत्ता से बीजेपी को बेदखल करेंगे। ऐसे में बीजेपी की ओर से ही यह अफवाह उड़ाया जा रहा है कि नीतीश कुमार फिर से एनडीए में आने की कोशिश कर रहे हैं। जबकि हकीकत बीजेपी जानती है कि बिना नीतीश कुमार के इस बार 2024 के लोकसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ेगा। इसके अलावा 2025 के बिहार विधानसभा चुनाव में भी बीजेपी का सफाया हो जाएगा।
नीतीश का मन डोलने पर क्या कहना है RJD और कांग्रेस का
नीतीश कुमार की ओर से देश के पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी की तारीफ किए जाने पर कांग्रेस प्रवक्ता राजेश सिंह राठौर का कहना है कि अटल जी की तारीफ तो हर कोई करता है। उन्होंने कहा कि अटल जी का कद इतना बड़ा था कि वह पार्टी से ऊपर थे। इसलिए जब वह बीमार पड़े थे तो तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने उन्हें इलाज के लिए विदेश भेजा था। और इंदिरा गांधी ने कांग्रेस की सरकार होने के बावजूद अटल जी को भारत का प्रतिनिधि बनाकर भेजा था। कांग्रेसी प्रवक्ता ने कहा कि अटल जी सभी के नेता थे। वे कट्टरता के समर्थक नहीं थे ना ही उनके कार्यकाल में सामाजिक द्वेष फैला था। लेकिन नरेंद्र मोदी के न्यू बीजेपी का मकसद ही समाज में द्वेष पैदा करना और माहौल को खराब करना है। इसलिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अटल जी की तारीफ़ कर मौजूदा बीजेपी को आईना दिखाने की कोशिश की थी। वहीं राष्ट्रीय जनता दल के प्रदेश प्रवक्ता ने मृत्युंजय तिवारी ने भी कहा कि अटल जी किसी एक पार्टी के नहीं थे बल्कि वह विश्व के सर्वमान्य नेता थे। उनका व्यक्तित्व वर्तमान बीजेपी के नेताओं से बिल्कुल ही अलग था। मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि अटल जी की तारीफ सिर्फ नीतीश कुमार ही नहीं बल्कि आरजेडी भी करती है।