इस्लामाबाद: पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में इमरान खान के समर्थकों ने डेरा डाल दिया है। पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के समर्थकों ने ऐलान किया है कि वे इमरान खान की रिहाई के बिना इस्लामाबाद से बाहर नहीं निकलेंगे। इस बीच पाकिस्तान सरकार ने इस्लामाबाद को कंटेनर सिटी में तब्दील कर दिया है। इसके बावजूद इमरान खान के हजारों समर्थक इस्लामाबाद के डी-चौक में प्रवेश कर चुके हैं। इस दौरान हुई झड़पों में छह पुलिसकर्मियों की मौत के बाद पाकिस्तान सरकार ने सेना को बुला लिया है। हालांकि, कई सैनिकों को इमरान खान के समर्थकों के साथ गले मिलते भी देखा गया है। ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि पाकिस्तानी सेना अवाम के गुस्से को देखकर कभी भी पाला बदल सकती है।बुशरा बीबी ने संभाला प्रदर्शनकारियों का नेतृत्वपीटीआई समर्थकों की यह रैली इमरान खान की पत्नी बुशरा बीबी और खैबर पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री अली अमीन गंडापुर के नेतृत्व में निकाली जा रही है। पाकिस्तान के पंजाब प्रांत की सरकार ने सोमवार को बताया कि पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के समर्थकों और प्रदर्शनकारियों को इस्लामाबाद पहुंचने से रोकने के लिए तैनात सुरक्षाकर्मियों के साथ झड़प में एक पुलिसकर्मी की मौत हो गई और 70 अन्य घायल हो गए। पंजाब की सूचना मंत्री आजमा बुखारी ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ समर्थकों द्वारा इस्लामाबाद जाते समय पुलिस के साथ झड़प के बाद कई पुलिसकर्मियों को ‘‘बंधक’’ बना लिया गया।छह सुरक्षाकर्मियों की मौत, सेना तैनातबताया जा रहा है कि इस्लामाबाद में पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के समर्थकों की मंगलवार को पुलिस से हुई झड़पों में छह सुरक्षाकर्मी मारे गये और कई अन्य घायल हो गये। इससे पहले इमरान खान के समर्थकों ने राजधानी पहुंचने के लिए पुलिस अवरोधकों को हटा दिया और उनकी पुलिस के साथ झड़प हो गई। सरकारी मीडिया ने मंगलवार को बताया कि प्रदर्शन के हिंसक हो जाने के कारण अर्धसैनिक बल के चार जवान और पुलिस के दो कर्मी मारे गए तथा 100 से अधिक सुरक्षाकर्मी घायल हो गए। इस हिंसा के बाद संघीय सरकार ने मंगलवार को राष्ट्रीय राजधानी में सेना तैनात करने के साथ ही उन्हें आदेश दिए गए हैं कि उपद्रवियों को देखते ही गोली मार दी जाए।अगस्त 2023 से जेल में बंद हैं इमरान खानपूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान पिछले वर्ष अगस्त से जेल में हैं। उन्होंने 13 नवंबर को 24 नवंबर को देशव्यापी प्रदर्शन करने का आह्वान किया था। उन्होंने कथित तौर पर चोरी किये गये जनादेश, लोगों की गिरफ्तारी और 26वें संशोधन के पारित होने की निंदा की थी। जियो न्यूज ने फुटेज साझा की, जिसमें इमरान खान के समर्थक डी-चौक की ओर जाने वाली सड़कों पर रखे शिपिंग कंटेनरों पर चढ़ते हुए दिखाई दिए। डी-चौक कई महत्वपूर्ण सरकारी इमारतों राष्ट्रपति भवन, प्रधानमंत्री कार्यालय, संसद और उच्चतम न्यायालय के करीब स्थित है।इमरान खान की रिहाई पर अड़े समर्थकअभी यह स्पष्ट नहीं है कि प्रदर्शनकारी धरना देंगे या डी-चौक से चले जायेंगे। पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के शीर्ष नेताओं ने हालांकि खान की रिहाई तक इस्लामाबाद में रहने की प्रतिबद्धता जताई है। इमरान खान की पत्नी बुशरा बीबी ने प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि वे तभी यहां से जाएं जब इमरान खान खुद आकर अगली कार्रवाई के बारे में बताएं। आंतरिक मंत्री मोहसिन नकवी के बार-बार यह कहने के बावजूद कि किसी को भी डी-चौक तक पहुंचने की अनुमति नहीं दी जाएगी, वे अपने घोषित गंतव्य तक पहुंच गए। नकवी ने यह भी कहा कि सरकार ने ‘पीटीआई’ नेताओं को हर तरह से मनाने की कोशिश की, लेकिन वे संघीय राजधानी की ओर बढ़ गए।इमरान समर्थकों पर गोलीबारी का आरोपरेडियो पाकिस्तान के अनुसार, इस स्थान से लगभग पांच किलोमीटर दूर हथियारों और गोला-बारूद से पूरी तरह लैस कुछ बदमाशों ने ‘रेंजर्स’ के जवानों पर पथराव किया और रावलपिंडी स्थित चुंगी नंबर- 26 में सुरक्षाकर्मियों पर अंधाधुंध गोलीबारी की। इसमें यह भी बताया गया है कि पुलिस के दो कर्मी मारे गए। पंजाब पुलिस के अनुसार, सोमवार को ‘पीटीआई’ के प्रदर्शनकारियों के साथ झड़प के दौरान इस्लामाबाद के बाहरी इलाके में हकला इंटरचेंज पर पुलिस के एक कर्मी की मौत हो गई।