मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बुधवार को जबलपुर के ग्राम उमरिया पहुंचकर 53 एकड़ में बनाई जा रही गौशाला परियोजना के पहले चरण का भूमिपूजन किया। इसके अतिरिक्त जिले के 187.43 करोड़ रूपये से अधिक के विकास कार्यो का लोकार्पण तथा भूमि-पूजन भी किया।
कार्यक्रम का शुभारम्भ मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने दीप प्रज्ज्वलन और संतों को पुष्प माला पहनाकर किया। कार्यक्रम के पहले मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने गौ-माता का पूजन एवं नमन कर उन्हें आत्मीय भाव से गौ-आहार खिलाया। इस अवसर पर लोक निर्माण विभाग मंत्री राकेश सिंह, पशुपालन मंत्री लखन सिंह पटेल, अनुसूचित जाति कल्याण विभाग मंत्री नागर सिंह चौहान मौजूद थे।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि संतो की नगरी जबालीपुरम आज धन्य हुई है। यह आनंद का धाम बना है। जिले में अत्याधुनिक गौ-शाला बनाये जाने की नीव रखी गई है। उन्होंने कहा कि गौ-संरक्षण एवं संवर्धन के लिए प्रदेश सरकार प्रतिबद्ध है। प्रदेश सरकार की नीति अनुसार कहीं भी गौ-माता को लावारिस-निराश्रित नहीं रहने दिया जायेगा। प्रदेश के बड़े महानगरों की तरह अन्य बड़ी नगर निगम एवं नगर पालिकाओं में गौ-शालाओं का निर्माण कर इनकी क्षमताओं को 10 हजार तक पहुंचाने का कार्य किया जायेगा।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि शासकीय स्तर पर गौ-शालाएं खुलेगी, जिनमें अधिक आयु की निराश्रित, अशक्त गौ-वंशों की देखभाल की जिम्मेदारी सरकार की होगी। जिससे सड़क पर विचरण करने वाले लावारिस एवं निराश्रित गौ-वंशों को आश्रय प्राप्त होगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश की गौ-शालाओं के प्रत्येक गौ-वंश के लिए 40 रूपये प्रतिदिन दिये जा रहे हैं। साथ ही साथ घर-घर तक गौ-पालन को प्रोत्साहित करने के लिए 10 से अधिक गौ-वंश पालने वाले व्यक्ति को शासन की ओर से अनुदान दिया जायेगा। जो भी गौ-वंश का पालन करता है वह गोपाल और जिसके घर में गाय का कुल वह गोकुल कहलाता है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि सनातन संस्कृति के अनुसार गौ-माता में हमारे 33 करोड़ देवी-देवता भी विराजमान है। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने गाय को राष्ट्रीय पशु की मान्यता देने की बात कही थी। गौ-माता ही ऐसी एकमात्र माता है जो अपने बच्चों के साथ-साथ मनुष्य के बच्चों को अपना दूध पिलाती है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश विश्व के तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। भारत की आजादी के साथ ही अन्य देश भी आजाद हुए। उन्होंने अपनी संस्कृति से जुड़ाव बनाये रखा। इस परिप्रेक्ष्य में उन्होंने इज़राइल के देश भक्ति का उदाहरण भी दिया।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश में गरीब, युवा, महिला एवं किसान के कल्याण एवं विकास की दिशा में कार्य किया जा रहा है। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के सपने को साकार करते हुए नदियों को जोड़ते हुए किसानों के खेतों तक सिंचाई के लिए पानी पहुंचाने का कार्य तेजी से किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व में प्रदेश को दो बड़ी नदी जोड़ो परियोजना केन-बेतवा एवं पार्वती, काली सिंध एवं चंबल की सौगात मिली है, जिससे प्रदेश कृषि के क्षेत्र में समृद्ध होगा। उन्होंने कहा कि शीघ्र ही महाराष्ट्र राज्य के समन्वय से ताप्ती नदी मे इस तरह की परियोजना पर भी विचार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सिंचाई का रकबा 1 करोड़ हेक्टेयर तक बढ़ाकर किसानों को समृद्ध किया जायेगा।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश के किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त करने के उद्देश्य से सरकार द्वारा 2600 रूपये प्रति क्विंटल समर्थन मूल्य पर गेहूं लेने का निर्णय लिया गया है। इसके अतिरिक्त प्रदेश के धान उत्पादक किसानों को 2 हजार रूपये प्रति हेक्टेयर प्रोत्साहन राशि प्रदाय करने की भी तैयारी की जा रही है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश का बजट को 7 लाख करोड़ तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है। 2028 तक 2 लाख 70 हजार से अधिक सरकारी पदों पर भर्ती करने का कार्य भी किया जायेगा। साथ ही निजी क्षेत्र में उद्योगों को बढ़ावा देकर युवाओं के लिए रोजगार का सृजन किया जायेगा। उन्होंने कहा कि 21 फरवरी को प्रदेश के 90 हजार से अधिक बारहवीं कक्षा के छात्र-छात्राओं को 25-25 हजार रूपये की राशि लैपटॉप के लिए प्रदान की जायेगी। इसी तरह बेटियों की जिंदगी में बदलाव लाने की दिशा में प्रदेश सरकार विभिन्न योजनाएं संचालित कर रही है। सरकार ने प्रदेश के धार्मिक नगरों में शराबबंदी का भी फैसला लिया है। अब इन नगरों में शराब की दुकाने नहीं बल्कि दूध की दुकानें संचालित की जोयगी। कार्यक्रम में लोक निर्माण विभाग मंत्री श्री राकेश सिंह ने भी अपने विचार व्यक्त किये। कार्यक्रम का आभार प्रदर्शन महापौर श्री जगत बहादुर सिंह अन्नू द्वारा किया गया। जबलपुर एमआईसी द्वारा मुख्यमंत्री डॉ. यादव को स्मृति चिन्ह भी भेंट स्वरूप प्रदान किया गया।
कार्यक्रम में रही इनकी उपस्थिति
कार्यक्रम में संत समुदाय से स्वामी अखिलेश्वरानंद, नरसिंह देवाचार्य, राघव देवाचार्य, चेतन्यानंद, गिरीशानंद, बालगोविंदाचार्य, रामानुजाचार्य, स्वामी पगलानंद, साधवी मैत्रीय दीदी की विशेष उपस्थिति रही। साथ ही सांसद श्रीमती सुमित्रा बाल्मिकी एवं आशीष दुबे, विधायक अभिलाष पांडे, संतोष बरकड़े, नीरज सिंह ठाकुर, तेलघानी बोर्ड अध्यक्ष रविकरण साहू, रत्नेश सोनकर, राजकुमार पटेल, कमिश्नर अभय वर्मा, आईजी अनिल कुशवाह, कलेक्टर दीपक सक्सेना, पुलिस अधीक्षक संपत उपाध्याय सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी एवं बड़ी संख्या में जन समुदाय मौजूद था।
इन कार्यों का किया गया लोकार्पण एवं भूमिपूजन
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने 187.43 करोड़ की लागत से जिले के 14 लोकोपयोगी कार्यों का भूमिपूजन व लोकार्पण किया। जिसमें 4.07 करोड़ की लागत से बने कुंडम के बंजर में आदिवासी सीनियर छात्रावास भवन, 1.16 करोड़ की लागत से सिहोरा में अनुविभागीय राजस्व कार्यालय भवन, 4.72 करोड़ की लागत से पनागर में जल जीवन मिशन के अंतर्गत 8 ग्रामों में नलजल योजना का निर्माण, 1.06 करोड़ की लागत से पाटन के दो ग्रामों में नलजल योजना का निर्माण, 3.09 करोड़ की लागत से बरगी के तीन ग्रामों में नलजल योजना का निर्माण, 3.32 करोड़ की लागत से सिहोरा के 6 ग्रामों में नलजल योजना का निर्माण, 12.87 करोड़ की लागत से मंझौली में जल प्रदाय, 68.09 करोड़ की लागत से सिहोरा में जल प्रदाय, 26.80 करोड़ की लागत से केंट में तीरंदाजी अकादमी का निर्माण, 1.50 करोड़ की लागत से पूर्व विधानसभा क्षेत्र में 6 आयुष्मान आरोग्य मंदिर मुख्यमंत्री संजीवनी क्लीनिक का लोकार्पण शामिल है।
इसी प्रकार नगर निगम क्षेत्र उमरिया में 10 करोड़ की लागत से गौशाला का निर्माण, 43 करोड़ की लागत से जबलपुर मंडला मार्ग के अंतर्गत जबलपुर में पेंटीनाका चौक पर फ्लाई ओव्हर का निर्माण कार्य, 6.17 करोड़ की लागत से जबलपुर में 100 सीटर श्रमिक विश्राम गृह का निर्माण कार्य व 1.59 करोड़ की लागत से सुकरी में बालिका छात्रावास निर्माण कार्य का भूमिपूजन किया गया।