इस्लामाबाद: आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान में इस समय विदेशी मुद्रा की कमी है। इस बीच जमात-ए-इस्लामी चीफ सिराजुल हक ने कहा है कि उनके पास 18 पाकिस्तानियों की लिस्ट है, जिनके बैंक अकाउंट में 4 हजार अरब रुपए (15.52 अरब डॉलर) हैं। लिस्ट में राजनेताओं और सेना के अधिकारियों का नाम है। उन्होंने कहा कि जज, जनरल, ब्यूरोक्रेट्स और राजनेताओं को अर्थव्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए त्याग करना चाहिए। उन्होंने इस्लामाबाद में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘हमारी देश की संस्थाएं इन लोगों से पैसा निकालने में असमर्थ हैं।’सिराजुल हक ने कहा कि पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (PDM) सरकार के कार्यकाल में महंगाई 34.3 फीसदी तक पहुंच गई। उन्होंने कहा, ‘अगर आटा 160 रुपए प्रति किग्रा बिक रहा है तो एक परिवार का मुखिया 12 लोगों को कैसे खिला सकता है?’ उन्होंने कहा कि सरकार जनता पर 650 अरब रुपये का बोझ डालने पर विचार कर रहा है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा, ‘आने वाले दिनों में सरकार सांस लेने पर भी टैक्स लगाएगी।’ उन्होंने कहा कि PDM महंगाई को लेकर PTI सरकार के खिलाफ रैलियां करती थी, लेकिन PTI की तरह पीडीएम भी बुरी तरह विफल हुई।पाकिस्तान को IMF का सहारासिराजुल हक की ओर से यह बयान ऐसे समय में आया है, जब पाकिस्तान इतिहास की सबसे खराब आर्थिक चुनौतियों से लड़ रहा है। पाकिस्तान को अर्थव्यवस्था बचाने के लिए IMF से कर्ज की जरूरत है। IMF की चीफ क्रिस्टालिना जॉर्जीवा ने कहा कि सरकार को जरूरत है कि वह रईसों से टैक्स ले और उन लोगों पर खर्च करे, जिन्हें उसकी जरूरत है। उन्होंने यह भी सवाल उठाए हैं कि आखिर अमीर लोगों को सब्सिडी क्यों दी जा रही है। 22 फीसदी पाकिस्तानी गरीबी रेखा के नीचे रहते हैं।आधा कर्च चुकाने के बराबर पैसापाकिस्तान को साल 2022 में 22 अरब डॉलर का कर्ज वापस लौटाना है। सिराजुल हक का दावा अगर माना जाए तो पाकिस्तान के 18 अमीरों के पास इतना धन है कि इस साल आधा कर्ज चुकाया जा सके। इसमें उसे IMF से डील की जरूरत भी नहीं पड़ेगी। संयुक्त राष्ट्र की एक हालिया रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान के सबसे अमीर एक फीसदी लोगों के पास देश की कुल आय का 9 फीसदी हिस्सा है, जबकि सबसे गरीब के पास सिर्फ 0.15 फीसदी है। देश के 20 फीसदी अमीर लोगों के पास कुल 49.6 फीसदी आय है। वहीं, 20 फीसदी गरीब लोग सिर्फ 7 फीसदी पैसा अपने पास रखते हैं।