बिहार सरकार ने सोमवार को विधान परिषद में बताया कि सासाराम और बिहारशरीफ शहरों के अलावा रामनवमी उत्सव के आसपास कुछ अन्य स्थानों से भी साम्प्रदायिक अशांति की खबरें मिली हैं।
संसदीय मामलों के मंत्री विजय कुमार चौधरी द्वारा सोमवार को दो शहरों में हुए दंगे को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्षी के बीच आरोप-प्रत्यारोप के दौरान उच्च सदन के पटल पर रखे गए एक बयान में इसका खुलासा किया गया।
उन्होंने गया और मुजफ्फरपुर जिलों में हुई घटनाओं में दोनों जगहों की स्थिति पर विस्तार से जानकारी दी।
गया में 30 मार्च को बेलागंज थाना अंतर्गत के भेड़िया गांव मेंरामनवमी के दौरान जुलूस निकालने पर आपत्ति जताने पर हुई झड़प में दो पुलिसकर्मी घायल हो गए थे।
बयान में कहा गया है कि 31 मार्च को छह लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था और सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है।
सरकार के बयान ने मुजफ्फरपुर के रामपुर बखरी गांव में भड़के सांप्रदायिक तनाव का भी उल्लेख किया गया है जहां पिछले बृहस्पतिवार (30 मार्च) को स्थानीय प्रशासन से आवश्यक अनुमति प्राप्त किए बिना रामनवमी का जुलूस निकाला गया था।
बयान में कहा गया है कि जुलूस में से एक युवक ने एक मस्जिद के पास नारे लगाए और जिससे नाराज स्थानीय लोगों द्वारा उसके साथ मारपीट की गयी।
बयान में कहा गया है कि एक अप्रैल को ग्रामीण मोटरसाइकिल पर सवार होकर अपनी पत्नी के साथ कहीं जा रहा था तभी गांव के करीब भीड़ ने उसे रोका और उसपर हमला कर दिया जिससे दंपति को चोटें आईं।
इस मामले में सकरा थाने में पांच लोगों के खिलाफ प्राथमिकीदर्ज की गई। हालांकि, अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है।
बयान में यह भी कहा गया है कि सभी दंगा प्रभावित स्थानों पर स्थिति नियंत्रण में कर ली गई है।