विपक्षी दलों की बैठक को लेकर लगातार राजनीति का दौर जारी है। इसको लेकर भाजपा जबरदस्त तरीके से विपक्षी दलों पर निशाना साधा रही है। इन सब के बीच केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने एक बार फिर से विपक्षी एकता को लेकर तंज कसा है। उन्होंने साफ तौर पर कहा है कि रंगमंच सज चुका है। नाटक मंडली भी एकत्रित हो चुकी है। भाजपा नेताओं ने वर्ष 2024 के आम चुनाव में उसके खिलाफ विपक्षी दलों के एकजुट होने की कोशिशों की आलोचना करते हुए पटना की बैठक को ‘स्वार्थ का गठबंधन’, ‘नाटक’ और ‘तस्वीर खिंचवाने’ का अवसर करार दिया है। इसे भी पढ़ें: ‘हम इंदिरा गांधी से नहीं, शासन से लड़ रहे थे’, जदयू अध्यक्ष बोले- आज देश में आपातकाल से भी बदतर स्थितिअनुराग ठाकुर ने क्या कहाविपक्ष की बैठक पर केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि रंगमंच सज चुका है, नाटकमंडली एकत्रित हो चुकी है। कैसे उस मंच पर एकत्रित हो गए जहां ममता बनर्जी कांग्रेस को कहती है बंगाल छोड़ दो, अखिलेश कहते हैं यूपी छोड़ दो, लालू-नीतीश कहते हैं बिहार छोड़ दो। तो कांग्रेस क्या गठबंधन में कुर्सियां लगाने के लिए रह जाएगी? केंद्रीय मंत्री ने कहा कि वर्ष 2024 के चुनाव से पहले एक बार फिर मंच सज गया है। तमाशा करने वाले एकजुट हो गए हैं, पात्र तय किए जा रहे हैं, अब तमाशा होगा। वादे पूरे करने की कसमें खाई जाएंगी, लोग हंसेंगे और एक बार फिर मोदी तीसरी बार भारी बहुमत के साथ प्रधानमंत्री के तौर पर शपथ लेंगे। उन्होंने कहा कि राजनीतिक पर्यटन का नया दरवाजा खुला है बिहार का लिट्टी-चोखा और रसगुल्ला खाने के बाद अब वे शिमला में मिलेंगे। इसे भी पढ़ें: Bihar: केजरीवाल की नाराजगी की खबर को तेजस्वी ने किया खारिज, बोले- जनता की मांग पर हम सब एक हुए हैंहमारी इंदिरा गांधी से कोई लड़ाई नहीं थीललन सिंह ने भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा पर पलटवार करते हुए कहा कि वे क्या बोलेंगे, उनके पास बोलने के लिए कुछ नहीं है। उन्होंने कहा कि 1974-1975 में हमारी लड़ाई इंदिरा गांधी से नहीं, बल्कि शासन से था। आज की स्थिति 1974-75 से भी बदतर है। उन्होंने कहा कि देश में आज इमरजेंसी से भी बदतर स्थिति है। उन्होंने कहा कि उस समय प्रेस की आजादी थी। आज इनकी नियंत्रण में प्रेस तो है ही साथ ही साथ सारे संवैधानिक संस्थाओं पर भी इनका नियंत्रण है। उन्होंने कहा कि आज लोकतंत्र खतरे में है। भाजपा पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि आज अगर आपके खिलाफ कोई कुछ बोलता है तो सीधे उसके यहां छापा पड़ने लगता है। उन्होंने दावा किया कि इमरजेंसी के दौरान इंदिरा गांधी ने जांच एजेंसियों का गलत इस्तेमाल नहीं किया।