कांग्रेस के दिग्गज नेता एके एंटनी के बेटे अनिल एंटनी भाजपा में शामिल हो गई। इसके बाद से उन्हें लेकर लगातार चर्चा जारी है। कांग्रेस इस विश्वासघात बता रही है। एके एंटनी की भी इस पर प्रतिक्रिया आई थी। एके एंटनी ने कहा था कि अनिल एंटनी के भाजपा में शामिल होने से उन्हें बहुत दुख हुआ है। अब इसी को लेकर अनिल एंटनी का बयान सामने आया है। उन्होंने अपने बयान में कहा कि वह मेरे पिता है। वह एक ऐसे व्यक्ति हैं जिनके लिए मेरे मन में सबसे ज्यादा सम्मान और स्नेह है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि राजनीति अलग है, व्यक्तिगत पसंद अलग है। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि एक दूसरे के लिए हमारा प्यार किसी भी तरह से नहीं बदलेगा। इसे भी पढ़ें: Congress को एक और झटका, पहले भारतीय गवर्नर जनरल राजगोपालाचारी के प्रपौत्र भाजपा में शामिलएके एंटनी ने कहा था कि अनिल के भाजपा में शामिल होने के फैसले ने मुझे आहत किया है। यह बहुत ही गलत फैसला है। उन्होंने कहा था कि भारत का आधार एकता और धार्मिक सद्भाव है। एंटनी ने दावा किया कि 2014 के बाद, मोदी सरकार सत्ता में आई, वे व्यवस्थित रूप से विविधता और धर्मनिरपेक्षता को कमजोर कर रहे हैं। भाजपा केवल एकरूपता में विश्वास करती है, वे देश के संवैधानिक मूल्यों को नष्ट कर रहे हैं। वहीं, एके एंटनी के छोटे बेटे अजीत ने कहा कि उनके भाई का निर्णय एक “आवेगपूर्ण” निर्णय था और भगवा पार्टी उन्हें अस्थायी रूप से उपयोग करने के बाद “करी पत्ते” की तरह बाहर फेंक देगी। इसे भी पढ़ें: JPC को लेकर शरद पवार के बयान पर बोले रिजिजू, राहुल के राजनीतिक कॉरियर के लिए मुद्दा बना रही कांग्रेस‘नेहरू-गांधी परिवार’ के खिलाफ अनिल ने कई बड़े आरोप भी लगाए थे। इसपर एंटनी ने कहा था कि उनकी निष्ठा हमेशा नेहरू परिवार के प्रति बनी रहेगी, जो आज भी भारत के मूल आदर्शों की सुरक्षा के लिए बिना डरे संघर्ष’’में सबसे आगे है। उन्होने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम के दौरान और आजादी के बाद नेहरू परिवार ने प्रत्येक भारतीय को उनकी जाति, धर्म, और क्षेत्रीय आधार पर एक समान माना। केरल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के डिजिटल मीडिया प्रकोष्ठ की अगुवाई करने वाले अनिल ने गुजरात दंगों पर आधारित बीबीसी के विवादास्पद वृत्तचित्र पर कांग्रेस के रुख की आलोचना करते हुये दो महीने पहले पार्टी छोड़ दी थी और पार्टी नेतृत्व पर देश के बजाय ‘‘एक परिवार’’ के लिए काम करने का आरोप लगाया था।