मातृशक्ति की मिसाल: पिता की पहचान नहीं तो क्या हुआ… अहमदाबाद में इतनी महिलाओं ने खाली छोड़ा कॉलम

: शिक्षा और स्वतंत्रता के चलते ऐसी महिलाएं बढ़ रही हैं जो बिना शादी के मातृत्व सुख का सपना पूरा करना चाहती हैं। गुजरात के अहमदाबाद में पिछले पांच सालों में 22 महिलाओं ने खुद को के तौर पर खुद को रजिस्टर्ड किया है। (AMC) के पांच साल के रिकॉर्ड में बच्चों के जन्म प्रमाणपत्र में सिर्फ महिलाओं का नाम दर्ज हैं, पिता का कॉलम खाली छोड़ा गया है। आंकड़ों पर नजर डालें तो 2019 और 2022 में छह-छह महिलाओं ने खुद को बर्थ सर्टिफिकेट में सिंगल मदर के दर्ज किया और पितृत्व से जुड़े कॉलम को खाली छोड़ दिया।साल मामले 2018 52019 62020 12021 42022 6क्या डिटेल भरती होती है? बच्चे के जन्म का पहला ब्योरा अस्तपाल में दर्ज किया जाता है। इसके बाद यह डाटा रजिस्ट्ररार ऑफिस भेजा जाता है। जहां पर जन्म और मृत्यु का रिकॉर्ड रखा जाता है। इसमें बच्चे के लिंग, जन्मतिथि, जन्म पंजीकरण संख्या, मां और पिता के नाम के साथ, जन्म स्थान, मां का अस्थायी पता और स्थायी पता भरना होता है। एएमसी के सूत्रों का कहना है कि परंपरागत तौर भी अगर पुलिस को कोई अपरिचित गर्भवती महिला मिलती है, तो उसे शेल्टर होम भेजा जाता है। अगर वह महिला किसी बच्चे को जन्म देती है तो बच्चे के जन्म प्रमाण पत्र में मां और पिता का नाम नहीं लिखा जाता है। अगर किसी मामले में गर्भवती कोई नाबालिग है तो रिकॉर्ड में नाम दर्ज नहीं होता है। अहमदाबाद में हाल के सालों में आठ ऐसे मामले सामने आए हैं, जबकि 22 मामलों में महिलाओं ने खुद से सिंगर मदर होना तय किया।स्कूल नहीं कर सकते मजबूर निगम अधिकारियों का कहना है कि महिला बिना पिता के नाम दिए भी जन्म प्रमाणपत्र हासिल कर सकती है। वास्तव में, राज्य सरकार ने इस संबंध में 2005 में एक रेजोज्यूशन जारी किया था। इसमें कहा गया था कि स्कूल रिकॉर्ड में पिता का नाम देने के मजबूर नहीं कर सकते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर समाज में ऐसे मामले बढ़ते हैं तो यह महिला सशक्तिकरण का प्रतीक है, जहां महिलाएं बिना शादी के मां बनने के अपने अधिकार का इस्तेमाल कर रही हैं। मां बनना मौलिक अधिकार सुप्रीम कोर्ट इस बारे में पहले ही कह चुका है कि मां बनने का हर एक महिला का मौलिक अधिकार है। अहमदाबाद के फर्टिलिटी विशेषज्ञ कांथी बंसल कहते हैं कि मैंने खुद 30 साल की उम्र में दो महिलाएं के मां बनने में मदद की है। इसमें उन्हें कृत्रित तरीके से गर्भ धारण कराया गया, क्योंकि वे शादी नहीं करना चाहती थीं। साथ ही साथ वे मां बनने का सुख नहीं छोड़ना चाहती थीं।