नयी दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह 10 अप्रैल को वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के पास अरुणाचल प्रदेश के किबिथू गांव में ‘वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम’ की शुरुआत करेंगे। गृह मंत्रालय (एमएचए) के अनुसार शाह 10 और 11 अप्रैल को पूर्वोत्तर राज्य के दो दिवसीय दौरे पर रहेंगे। भारत-चीन सीमा पर गांवों के व्यापक विकास के उद्देश्य से केंद्र प्रायोजित ‘वाइब्रेंट विलेजेज प्रोग्राम’ (वीवीपी) को लॉन्च किया जा रहा है। यह चीन द्वारा अरुणाचल प्रदेश में पर्वत चोटियों, नदियों और आवासीय क्षेत्रों सहित 11 स्थानों का नाम बदलने के कुछ दिनों बाद आया है, जिसे वह दक्षिण तिब्बत के रूप में दावा करता है, जिससे दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंध और तनावपूर्ण हो गए हैं। इसे भी पढ़ें: भारत में 80 करोड़ को फ्री राशन, पाकिस्तान में पड़ रहे रोटी के लाले, CM योगी का पड़ोसी मुल्क पर सीधा अटैकभारत सरकार ने अरुणाचल प्रदेश में स्थानों का नाम बदलने के चीन के कदम को यह कहते हुए दृढ़ता से खारिज कर दिया है कि यह राज्य भारत का अभिन्न और अविभाज्य अंग रहा है। गृह मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि अपनी यात्रा के पहले दिन वह 10 अप्रैल को अरूणाचल प्रदेश के अंजॉ जिले के सीमावर्ती गांव किबिथू में ‘वाइब्रेंट विलेजेज प्रोग्राम’ की शुरुआत करेंगे। वीवीपी का लक्ष्य चार राज्यों अरुणाचल प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, सिक्किम, उत्तराखंड और एक केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख (यूटी) के उत्तरी सीमा से सटे 19 जिलों के 46 सीमावर्ती ब्लॉकों में गांवों का विकास करना है। इन सीमावर्ती गांवों के व्यापक विकास के लिए वित्तीय वर्ष 2022-23 से 2025-26 के कार्यक्रम के लिए 4,800 करोड़ रुपये का फंड आवंटित किया गया है। इसे भी पढ़ें: ‘2024 में फिर होगी भाजपा की जीत’, अमित शाह का राहुल पर वार, बोले- लोकतंत्र नहीं, आपका परिवार खतरे में हैइसके लिए 19 जिलों के 46 ब्लॉक में 2,967 गांव की व्यापक विकास के लिए पहचान की गई है। पहले चरण में, प्राथमिकता कवरेज के लिए आंध्र प्रदेश में 455 सहित 662 गांव की पहचान की गई है। बयान में कहा गया है कि वीवीपी, चिन्हित सीमावर्ती गांवों में रहने वाले लोगों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार करने में मदद करेगा और लोगों को अपने मूल स्थानों पर रहने के लिए प्रोत्साहित करेगा, जिससे इन गांवों से पलायन को रोकने में और सीमा की सुरक्षा बढ़ाने में सहायता मिलेगी। जिला प्रशासन, ब्लॉक और पंचायत स्तर पर उपयुक्त तंत्र की मदद से, केंद्र और राज्य की योजनाओं की 100 प्रतिशत संतृप्ति सुनिश्चित करने के लिए चिन्हित गांवों के लिए कार्ययोजना तैयार करेगा। गांवों के विकास के लिए हस्तक्षेपों वाले क्षेत्र के रूप में जिन क्षेत्रों की पहचान की गई है, उनमें सड़क संपर्क, पेयजल, सौर एवं पवन ऊर्जा सहित बिजली, मोबाइल और इंटरनेट संपर्क, पर्यटन केंद्र, बहुउद्देश्यीय केंद्र और स्वास्थ्य देखभाल अवसंरचना एवं कल्याण केंद्र शामिल हैं।