रूस से जंग के बीच क्या भुखमरी की कगार पर पहुंच रहा है यूक्रेन, 10 गुना बढ़ी गरीबी

रूस के साथ युद्ध के बीच यूक्रेन में गरीबी 10 गुना बढ़ गई है. वर्ल्ड बैंक के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि यूक्रेन के बुनियादी ढांचों पर रूसी आक्रमण से देश में आर्थिक स्थिति और भी खराब हो सकती है. पूर्वी यूरोप के लिए वर्ल्ड बैंक के क्षेत्रीय निदेशक अरूप बनर्जी ने कहा कि पिछले हफ्तों में रूस ने यूक्रेन के बुनियादी ढांचों पर हमले किए हैं, जिससे हालात और भी बदतर हुए हैं. हालांकि रूस ने अपनी रणनीतियां बदली है जिससे जोखिम बढ़ गई है.
उन्होंने कहा कि अगर रूस यूक्रेन युद्ध जारी रहता है तो इसके परिणाम और भी ज्यादा बुरे होने वाले हैं. उन्होंने एक न्यूज एजेंसी के साथ बातचीत में सर्दी के मौसम में होने वाली परेशानियों पर ध्यान खींचा है, जिसमें विस्थापित लोगों के लिए समस्याएं बढ़ सकती है. उन्होंने कहा कि सर्दी वास्तव में परेशानी का सबब बनती है, निश्चित रूप से दिसंबर या जनवरी तक अगर घरों की मरम्मत नहीं होती है तो विस्थापित लोगों का इंटरनल वेव ऑफ माइग्रेशन देखा जा सकता है.
यूक्रेन को 55 अरब डॉलर की जरूरत
इससे पहले यूक्रेनी राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने कहा था कि यूक्रेन को अगले साल अनुमानित बजट घाटे को पूरा करने के लिए 55 अरब डॉलर से 38 अरब डॉलर की जरूरत पड़ सकती है. उन्होंने कहा के रूसी आक्रमण के बाद स्कूलों, आवासों और ऊर्जा सुविधाओं समेत बुनियादी ढांचे के मरम्मत के लिए यूक्रेन को 17 अरब डॉलर की जरूरत है. यूक्रेनी राष्ट्रपति ने कहा कि युद्ध के बीच व्यवस्था को बनाए रखने के लिए उन्हें फंड की जरूरत है, और जरूरी मरम्मत और री-कंस्ट्रक्शन का काम भी शुरु हो रहा है.
यूक्रेन में 55% तक बढ़ सकती है गरीबी
अरूप बनर्जी ने कहा कि यूक्रेनी राष्ट्रपति द्वारा की गई अपील की इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड और वर्ल्ड बैंक की वार्षिक बैठकों में चर्चा की गई. पिछले हफ्तों में भी यूक्रेन युद्ध पर मंथन किया गया था. उन्होंने कहा, “अधिकांश देशों ने संकेत दिया है कि वे अगले साल यूक्रेन को आर्थिक रूप से समर्थन देंगे, जो कि एक सकारात्मक परिणाम है.” उन्होंने कहा कि 25% आबादी साल के अंत तक गरीबी में जी रही होगी, जो कि युद्ध से पहले 2% से कुछ ज्यादा थी, और यह अगले साल के अंत तक बढ़कर 55% हो सकती है.