क्या है कुमार की तकनीक
बता दें कि जीन या जीनोम एडिटिंग के जरिए वैज्ञानिक किसी जीव के डीएनए को बदलने की क्षमता रखते हैं। फसल में सुधार, चिकित्सकीय जरूरतों आदि के लिए जीनोम एडिटिंग की जरूरत पड़ती है। अखिलेश कुमार ने संयुक्त राज्य अमेरिका के फ्लोरिडा के मियामी विश्वविद्यालय में डॉ फंगलियांग झांग की लैब में पोस्ट-डॉक्टोरल रिसर्चर के रूप में काम करते हुए यह तकनीक विकसित की है। जीनोम एडिटिंग की यह विधि एक इन-ऐक्टिव फ्लोरोसेंट प्रोटीन का उपयोग करती है, जिसे Cas-9 एंजाइम और गाइड-आरएनए के जरिए किए जाने वाले डीएनए एडिटिंग की मदद से फिर से ऐक्टिव किया जा सकता है। अलग-अलग गाइड-RNA की दक्षता की जांच फ्लोरोसेंट प्रोटीन के रीऐक्टिवेशन फ्रीक्वेंसी द्वारा की गई थी, जिसे फ्लो साइटोमेट्री के जरिए मॉनिटर किया गया था।
क्या है CRISPR-Cas9?
कुमार ने बताया कि मेडिकल, फसल सुधार और फंडामेंटल रिसर्च में डीएनए हेरफेर या जीनोम एडिटिंग की आवश्यकता होती है। CRISPR-Cas9 एक हाल ही में विकसित जीनोम एडिटिंग तकनीक है, जिसने अपनी दक्षता, सटीकता, उपयोग में आसानी और कम लागत के कारण जीनोम एडिटिंग के क्षेत्र में क्रांति ला दी है। CRISPR-Cas9 में दो कंपोनेंट्स होते हैं- Cas-9 एंडोन्यूक्लिज़ एंजाइम और एक गाइड-आरएनए। Cas9 एंजाइम एक आणविक या आनुवंशिक सीजर के रूप में काम करता है और टारगेट डीएनए को काटता है, जबकि गाइड-आरएनए टारगेट डीएनए की पहचान करता है और उसे बांधता है। साथ ही यह डिजायर्ड लोकेशन पर डीएनए को काटने के लिए Cas9 एंजाइम की मदद भी करता है।
उन्होंने बताया कि एक बार जब डीएनए कट जाता है, तब रीसर्चर्स सेल रिपेयर मैकेनिज्म का उपयोग जीनोम में अपने हिसाब से सीक्वेंस को जोड़ने, हटाने या बदलने के लिए कर सकते हैं। हालांकि एक विशेष जीन को टारगेट करने के लिए कई गाइड-आरएनए का उपयोग किया जा सकता है, लेकिन कौन सा गाइड-आरएनए सबसे अच्छा काम करेगा, इसकी सटीक भविष्यवाणी नहीं की जा सकती है।
रिसर्चर्स की पहली पसंद है CRISPR-Cas9
कुमार ने कहा कि CRISPR-Cas9 आधुनिक जीव विज्ञान में सबसे मशहूर इनोवेशन्स में से एक है। इसकी मजबूती और सटीकता के कारण यह जीनोम एडिटिंग के लिए शोधकर्ताओं की पहली पसंद है और तकनीक का उपयोग फसल और मानव स्वास्थ्य सुधार के लिए पहले से ही किया जा रहा है। इस तकनीक का आविष्कार करने के लिए इमैनुएल चारपेंटियर और जेनिफर डौडना को 2020 में रसायन विज्ञान का नोबेल पुरस्कार मिल चुका है।
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