अमेरिका, रूस, ब्रिटेन, फ्रांस, यूएई… UNSC में भारत की स्थायी सदस्यता का खुला समर्थन, अब बस चीन है रोड़ा

न्यूयॉर्क: भारत के संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की सदस्यता का ब्रिटेन, फ्रांस और संयुक्त अरब अमीरात ने समर्थन किया है। इन तीनों देशों ने कहा है कि वे भारत को यूएनएससी का स्थायी सदस्य बनाने के पक्ष में हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन पहले ही भारत की सदस्यता का समर्थन कर चुके हैं। इसके अलावा रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने तीन दिन पहले ही भारत की सदस्यता के समर्थन का खुला ऐलान किया था। अब सबकी नजरें सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्य चीन पर टिकी हैं। आशंका है कि चीन संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की सदस्यता का विरोध कर सकता है। ऐसी स्थिति में सुरक्षा परिषद की सीट पर भारत की दावेदारी मुश्किल में आ सकती है। चीन सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य है।

सुरक्षा परिषद की बैठक के बाद आई समर्थन की बाढ़

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार को लेकर आयोजिक बैठक की अध्यक्षता भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने की। इस दौरान संयुक्त अरब अमीरात ने सुरक्षा परिषद की स्थायी सदस्यता के लिए भारत के समर्थन को दोहराया। संयुक्त अरब अमीरात के मंत्री नौरा बिंत मोहम्मद अल काबी ने कहा कि उनका देश भारत की स्थायी सदस्यता का समर्थन करता है। ब्रिटेन ने भी यूएनएसी में भारत की स्थायी सदस्यता का समर्थन किया है। सुरक्षा परिषद की बैठक को संबोधित करते हुए फ्रांस के प्रतिनिधि ने कहा कि हम नई शक्तियों के उद्भव को ध्यान में रखते हुए सुरक्षा परिषद के विस्तार का समर्थन करते हैं जो सुरक्षा परिषद में स्थायी उपस्थिति की जिम्मेदारी लेने की क्षमता रखती हैं। फ्रांस भारत, जर्मनी, ब्राजील और जापान की उम्मीदवारी का समर्थन करता है।

रूस पहले ही कर चुका है समर्थन का ऐलान

रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने कुछ दिनों पहले ही भारत की जमकर तारीफ की थी। उन्होंने कहा था कि भारत आर्थिक विकास के लिहाज से दुनिया के प्रमुख देशों में शामिल है। संभवत: नेतृत्‍व कर रहा है। भारत के पास व्‍यापक पैमाने पर विभ‍िन्‍न तरीके की समस्‍याओं को सुलझाने का अनुभव है। लावरोव ने कहा कि भारत दक्षिण एशिया में शंघाई सहयोग संगठन के अंदर विभिन्‍न तरह के ढांचे में शामिल है और वह संयुक्‍त राष्‍ट्र में भी सक्रिय भूमिका निभाता है। इस दौरान उन्‍होंने भारत के सुरक्षा परिषद में स्‍थायी सदस्‍यता की दावेदारी का समर्थन किया।

जो बाइडेन भी कर चुके हैं समर्थन

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने भी भारत की संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्यता का समर्थन किया है। संयुक्त राष्ट्र महासभा के 77वें सत्र में दिए गए भाषण के दौरान बाइडेन ने सुरक्षा परिषद में सुधार की वकालत की थी। महसभा को संबोधित करते हुए कहाथा कि समय आ गया है कि इस संस्था को और अधिक समावेशी बनाया जाए ताकि वह आज की दुनिया की जरूरतों को अच्छे तरीको से पूरा कर सके। अमेरिका संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी और अस्थायी, दोनों तरह के सदस्यों की संख्या बढ़ाने का समर्थन करता है। इनमें वे देश भी शामिल हैं, जिनकी स्थायी सीट की मांग का हम लंबे समय से समर्थन करते आ रहे हैं। बाइडेन ने अपने भाषण में किसी खास देश का नाम नहीं लिया लेकिन क्षेत्रों का जिक्र जरूर किया।