ताक पर रख दिया अमेरिका… इजरायल समेत ये देश अडानी के पीछे चट्टान की तरह खड़े, क्‍या है रुख?

नई दिल्‍ली: अडानी ग्रुप पर चौतरफा हमलों के बावजूद इजरायल समेत कई देश उसके पीछे चट्टान की तरह खड़े हो गए हैं। इन्‍होंने अमेरिका में के खिलाफ लगे आरोपों को ताक पर रख दिया है। इजरायल का कहना है कि वह भारत के अडानी ग्रुप में निवेश जारी रखना चाहता है। इजरायल अमेरिकी आरोपों को समस्या नहीं मानता। अडानी समूह इजरायल के हाइफा बंदरगाह में 70% हिस्सेदारी रखता है। वह कई अन्य परियोजनाओं में भी शामिल है। श्रीलंका पोर्ट्स अथॉरिटी और तंजानिया सरकार ने भी अडानी के साथ अपने समझौतों पर भरोसा जताया। अबू धाबी की इंटरनेशनल होल्डिंग कंपनी (आईएचसी) का भी ग्रुप पर विश्‍वास कायम है। अडानी समूह ने अमेरिकी आरोपों को खारिज किया है। अडानी समूह को अंतरराष्‍ट्रीय स्तर पर बड़ा समर्थन मिला है। श्रीलंका पोर्ट्स अथॉरिटी और तंजानिया सरकार ने अडानी के साथ अपने समझौतों पर प्रतिबद्धता जताई है। अबू धाबी की IHC ने भी अडानी समूह में अपना विश्वास बरकरार रखा है। अमेरिका की ओर से गौतम अडानी पर रिश्वतखोरी के आरोपों के बावजूद इनके रुख में बदलाव नहीं हुआ है। अडानी समूह अमेर‍िका के आरोपों को खारिज कर चुका है। ग्रुप ने कानूनी कार्रवाई की बात कही है। ग्रुप श्रीलंका में न‍िभा रहा बड़ी भूम‍िका अडानी समूह श्रीलंका में बंदरगाह के ढांचे के विस्तार में अहम भूमिका निभा रहा है। कोलंबो टर्मिनल में 1 अरब डॉलर के निवेश के साथ यह परियोजना श्रीलंका के बंदरगाह क्षेत्र में सबसे बड़ा प्रत्यक्ष विदेशी निवेश है। श्रीलंका पोर्ट्स अथॉरिटी के चेयरमैन एडमिरल सिरिमेवन रानसिंघे (सेवानिवृत्त) ने कहा है कि परियोजना को रद्द करने पर कोई चर्चा नहीं हुई है। यह परियोजना अगले कुछ महीनों में शुरू हो जाएगी। हालांकि, श्रीलंका सरकार के प्रवक्ता नलिंदा जयतिस्सा ने 26 नवंबर को कहा था कि देश ने अडानी समूह के स्थानीय निवेशों की जांच शुरू कर दी है। यह जांच अमेरिका की ओर से गौतम अडानी पर रिश्वतखोरी के आरोपों के बाद शुरू की गई है।तंजान‍िया ने भी जताया भरोसा तंजानिया सरकार ने भी अडानी पोर्ट्स के साथ अपने समझौतों पर प्रतिबद्धता दोहराई है। सरकार का मानना है कि चल रही परियोजनाओं को लेकर कोई चिंता नहीं है। सभी अनुबंध तंजानिया के कानून के अनुसार हैं। मई 2024 में तंजानिया और अडानी पोर्ट्स ने दार एस सलाम बंदरगाह पर कंटेनर टर्मिनल 2 के संचालन के लिए 30 साल का समझौता किया था। इसके अलावा अडानी पोर्ट्स ने तंजानिया इंटरनेशनल कंटेनर टर्मिनल सर्विसेज में 9.5 करोड़ डॉलर में 95 फीसदी हिस्सेदारी हासिल की थी।इयरायल ने कह दी बड़ी बात वहीं, इजरायली राजदूत रेवेन अजार ने न्‍यूज एजेंसी रॉयटर्स को दिए इंटरव्यू में कहा, ‘हम चाहते हैं कि अडानी और सभी भारतीय कंपनियां इजरायल में निवेश जारी रखें।’ अडानी ग्रुप के पास उत्तरी इजरायल में हाइफा पोर्ट में 70% हिस्सेदारी है। वह देश की कई कंपनियों के साथ अन्य परियोजनाओं में भी शामिल है। इनमें सैन्य ड्रोन का उत्पादन और वाणिज्यिक सेमीकंडक्टर्स के निर्माण की योजनाएं शामिल हैं।