मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले में एक इंसानियत को शर्मसार करने का मामला सामने आया है. यहां के फोरलेन हाईवे पर टोल प्लाजा प्रबंधन की लापरवाही से आठ दिन के नवजात की जान आफत में पड़ गई. एंबुलेंस में बैठा परिवार गिड़गिड़ाते रहा, लेकिन टोल प्लाजा के कर्मचारियों ने एक न सुनी. एंबुलेंस को कतार में इंतजार कराया. इसका एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिसमें साफ नजर आ रहा है कि परिजन एंबुलेंस को जल्द से जल्द निकालने की गुहार लगा रहे हैं.
मामला कोलारस थाना क्षेत्र का है. बताया गया कि 29 जनवरी की देर रात बदरवास स्वास्थ्य केंद्र में एक 8 दिन के नवजात की अचानक तबियत बिगड़ गई, उसका पेट फूलता जा रहा था. ऐसे में डॉक्टर अर्पित ने नवजात बच्ची को तत्काल शिवपुरी जिला अस्पताल के लिए रेफर किया. जिसके बाद 108 जननी एक्सप्रेस एंबुलेंस से माता-पिता अपनी नवजात बच्ची को लेकर जिला अस्पताल निकले. एंबुलेंस के ड्राइवर ने बताया कि रात करीब 8 बजे पूरनखेड़ी टोल प्लाजा पर पहुंचे ही लंबी-लंबी वाहनों की कतार दिखीं. नवजात की हालत नाजुक देख टोल प्लाजा से एंबुलेंस को जल्द से जल्द निकलवाने का आग्रह किया, लेकिन उन्होंने एक न सुनी.
15 मिनट टोल पर ही खड़ी रही एंबुलेंस, बिगड़ती रही मासूम की हालत
उधर, एंबुलेंस करीब 15 मिनिट तक टोल प्लाजा पर खड़ी रही. इसी दौरान बच्ची का भी लगातार पेट फूलता रहा. बच्ची की मां भी रोने लगी, लेकिन मौजूद टोल कर्मचारियों ने एक न सुनी. करीब 15 मिनिट के बाद टोल प्लाजा की एक पट्टी से एंबुलेस का निकलना संभव हो सका. जबकि नियमानुसार टोल प्लाजा पर दोनों साइड एक-एक लेन इमरजेंसी वाहनों के लिए आरक्षित रखी जाती हैं.
टोल प्लाजा के मैनेजर ने दी ये सफाई
वहीं, मामले का वीडियो वायरल होने के बाद पूरनखेड़ी टोल प्लाजा के मैनेजर संजय गोस्वामी ने सफाई देते हुए कहा कि मामला संज्ञान में आया है. इसकी जानकारी लेता हूं, एंबुलेंस के लिए एक अलग से लाइन रहती है. उस लाइन पर गाड़ी खड़ी होती है, तो हम इस स्थिति में टोल के अंदर से एंबुलेंस को निकाल देते हैं, एंबुलेंस को कभी भी लाइन में खड़े नहीं रहने देते हैं
आपको यह हम बता दें कि प्रदेश ही नहीं देश का एक पूरनखेड़ी टोल प्लाजा ऐसा है, जहां पर आए दिन विवाद के हालात निर्मित होते हैं. कई बार तो ओवरलोडिंग के नाम पर ट्रक ड्राइवरों के साथ टोल कर्मियों द्वारा मारपीट की गई है. जिसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था. अगर थोड़ा ही देर एंबुलेंस को निकालने में हो जाती, तो शायद कोई जनहानि भी हो सकती थी. एंबुलेंस चालक के अनुसार यह हालात टोल पर प्रतिदिन बनते हैं.