तिवारी ने सफल ऑपरेशन कर बाल के गुच्छे को बाहर निकाला। बच्ची अब वह स्वस्थ है। पीड़ित बालिका से जब उन्होंने कड़ी पूछताछ की तो उसने बताया कि वह 5 साल से अपना और घरवालों के टूटे हुए बाल खाने की आदी हो गई थी। यह काम वह चुपके से करती थी। यही कारण है कि बाल खाते-खाते पेट में बाल गुच्छे के रूप में जमा हो गए थे, जिसने बाद में ट्यूमर का रूप ले लिया था।
अयोध्या कटरा बाजार क्षेत्र के कौशल्या घाट मछवाना की 14 साल की किशोरी का ऑपरेशन इस समय शहर में चर्चा का विषय बना हुआ है। डॉक्टर आनंद गुप्ता ने बताया कि किशोरी की हालत नाजुक देखकर अल्प फीस में ही उसका इलाज किया गया। वह गरीब किसान की बेटी है। सर्जन डॉ. तिवारी के मुताबिक करीब घंटे भर उसका ऑपरेशन चला। किशोरी की मां सीमा यादव ने बताया कि उसकी बेटी के पेट में करीब 2 सालों से हल्का दर्द रहता था। दर्द होने पर इसका इलाज श्रीराम अस्पताल में करा दिया जाता था तो दर्द कम हो जाता था।